नई दिल्ली:- नए तीनों कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर किसान दिल्ली बॉर्डर पर अब भी अडिग खड़े हैं. किसानों के आंदोलन का 18वां दिन है. लेकिन अभी तक सरकार और किसान नेताओं के बीच कोई बात नहीं बनी है. वैसे तो बैठकें तो हुई लेकिन कोई हल उसका नहीं निकला. केंद्र सरकार इस आंदोलन को जल्द से समाप्त करवाकर राहत की सांस लेना चाहती है. सरकार के बचाव मोदी सरकार के कई नेता मैदान में उतर गए हैं, जो सरकार का पक्ष किसानों के आगे रख रहे हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसानों को पूरी आजादी मिलनी चाहिए कि उनकी फसल हिंदुस्तान में कहीं भी जा सकती है, कोई रोकेगा नहीं. आपकी फसल पर अलग से मंडी का टैक्स नहीं लगेगा.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस साल भारत सरकार ने MSP के अंतर्गत 60 हजार करोड़ का धान खरीदा है जिसमें से 60 प्रतिशत पंजाब से खरीदा गया. आज अगर किसानों के आंदोलन की आड़ में भारत को तोड़ने वाले टुकड़े-टुकड़े लोग पीछे होकर आंदोलन के कंधे से गोली चलाएंगे तो उनके खिलाफ बहुत सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसपर हम कोई समझौता नहीं करेंगे. Farmers Protest: किसान आंदोलन को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की बैठक.
ANI का ट्वीट:-
Prominent people who're protesting farm laws today, are doing it just for the sake of opposing the laws. They themselves earlier recognised the need for these reforms. We will sensitize people on how the farm laws will be beneficial to farmers: Ravi Shankar Prasad, Union Law Min pic.twitter.com/fnm1bMxf7V
— ANI (@ANI) December 13, 2020
बता दें कि इससे पहले केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि दो कदम अगर किसान आगे बढ़ेगा तो दो कदम सरकार आगे बढ़ेगी और इसका हल निकालें. वरना, इन लोगों ने तो 60 साल सिर्फ राजनीति की थी और आज भी ये किसान का इस्तेमाल कर आगे बढ़ना चाहते हैं. हम किसानों और उनके प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं और मुझे लगता है कि जल्द ही अगली बैठक होगी.