पटना: कोरोना संकट के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) को लेकर सियासत गर्म है. आने वाले चुनावों से पहले बिहार (Bihar) में जुबानी जंग का दौर तेज हो गया है. प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार कोरोना के बजाय चुनाव पर चर्चा करने में लगी हुई. पीके ने कहा, देश में अगर सबसे कम कोरोना की टेस्टिंग बिहार में हुई है, ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को जनता के बारे में सोचना चाहिए तो वे चुनावों की चर्चा कर रहे है
प्रशांत किशोर ने रविवार को अपने ट्वीट में लिखा- "देश में सबसे कम टेस्टिंग, 7-9 प्रतिशत पॉजिटिव केस दर और 6 हजार से ज्यादा केस के बावजूद बिहार में कोरोना के बजाय चुनावों की चर्चा है. तीन महीनों से कोरोना के डर से अपने आवास से ना निकलने वाले नीतीश कुमार समझते हैं कि लोगों के घरों से निकलकर चुनाव में भाग लेने में कोई खतरा नहीं है." यह भी पढ़ें- बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी का बड़ा बयान, कहा- बीजेपी के रहते कोई ताकत आरक्षण नहीं छीन सकती.
यहां देखें प्रशांत किशोर का ट्वीट-
देश में सबसे कम टेस्टिंग, 7-9% पॉज़िटिव केस दर और 6 हज़ार से ज़्यादा केस के बावजूद बिहार में करोना के बजाय चुनावों की चर्चा है।
तीन महीनों से #Corona के डर से अपने आवास से ना निकलने वाले @Nitishkumar समझते हैं कि लोगों के घरों से निकलकर चुनाव में भाग लेने में कोई ख़तरा नहीं है।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) June 14, 2020
पीके से पहले तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी नीतीश के घर से बाहर नहीं निकलने पर निशाना साधा था. तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा था कि मुख्यमंत्री इस संकटकाल में स्वास्थ्य व्यवस्था, गरीबों-श्रमिकों की स्थिति जानने के लिए कोरोना के डर से बाहर नहीं निकले हैं. ऐसे करने वाले नीतीश देश से अकेले सीएम हैं.
रविवार को तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कई सवाल किए और कहा कि सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं, आशा है हमेशा की तरह सरकार इन वाजिब सवालों का जवाब नहीं देगी. तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार से पूछा कि सरकार बताए कि 15 साल में कितने लोगों को बिहार में नौकरी मिली है. 15 साल में सरकार में कुल कितनी नियुक्तियां हुई.
उन्होंने आगे पूछा कि बिहार में पिछले 15 सालों में कितने बेरोजगारों ने रोजगार निबंधन कार्यालय में निबंधन कराया है. पिछले 15 सालों में बिहार से कुल कितने लोगों का पलायन हुआ है. 15 सालों में बिहार में कुल कितने उद्योग और कल-कारखाने लगे हैं और पहले से चालू कितने चीनी, जूट और पेपर मिल से साथ साथ दूसरे कल-करखाने बंद हुए हैं.