
नई दिल्ली: भारत में नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के चयन की प्रक्रिया अगले कुछ दिनों में शुरू होगी. नए सीईसी को बिहार में इस साल होने वाले चुनावों के साथ-साथ संभावित रूप से अगले साल पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में होने वाले चुनावों की देखरेख करनी होगी. इसके अलावा, असम और केरल में भी आगामी चुनावों की जिम्मेदारी नए चुनाव आयुक्त पर होगी.
सूत्रों के अनुसार, सीईसी के चयन के लिए गठित समिति सोमवार को बैठक करेगी. इस समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शामिल होंगे.
यह नियुक्ति प्रक्रिया ऐसे समय में शुरू हो रही है जब सुप्रीम कोर्ट 2023 के कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई करने वाला है. यह कानून मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में केंद्र सरकार को अधिक अधिकार देता है. पहले इस चयन प्रक्रिया में भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होते थे, लेकिन नए कानून के तहत उनकी जगह प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री को नियुक्त किया गया है.
वर्तमान सीईसी राजीव कुमार का कार्यकाल समाप्त
वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार मंगलवार को अपने पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे. राजीव कुमार को मई 2022 में इस पद पर नियुक्त किया गया था. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण चुनावी प्रक्रियाओं का संचालन किया, जिनमें 2024 का लोकसभा चुनाव और जम्मू-कश्मीर का विधानसभा चुनाव शामिल हैं. उन्होंने 2023 में कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव भी सफलतापूर्वक संपन्न कराए. इसके अलावा, 2022 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों का भी नेतृत्व किया.
चुनावी प्रक्रिया पर उठे सवाल
राजीव कुमार के कार्यकाल के दौरान विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP), ने चुनाव आयोग पर पक्षपात के आरोप लगाए. विपक्ष ने अक्सर यह दावा किया कि चुनाव आयोग सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पक्ष में झुका हुआ है.
ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) को लेकर भी कई बार विवाद हुआ और विपक्ष ने इन मशीनों की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. हालांकि, राजीव कुमार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित हैं और सुप्रीम कोर्ट सहित विभिन्न न्यायिक परीक्षणों में वे सही साबित हुई हैं.
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर बीजेपी के सामने "समर्पण" करने का आरोप लगाया था. उन्होंने यह भी दावा किया कि आयोग का रवैया निष्पक्ष नहीं है. हालांकि, राजीव कुमार ने इन आरोपों का कड़ा खंडन किया और कहा कि चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी संभव नहीं है.
सेवानिवृत्ति के बाद की योजनाएं
राजीव कुमार ने सेवानिवृत्ति के बाद हिमालय में कुछ महीने बिताने की इच्छा जताई है. उन्होंने कहा, "मैं अगले चार-पांच महीने के लिए खुद को 'डेटॉक्सिफाई' करूंगा... हिमालय में जाऊंगा और मीडिया की चकाचौंध से दूर रहूंगा." उन्होंने यह भी बताया कि वह वंचित बच्चों को शिक्षित करने के लिए कुछ करने की योजना बना रहे हैं.
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि नया मुख्य चुनाव आयुक्त कौन होगा और वह आगामी चुनावी चुनौतियों का किस प्रकार सामना करेगा.