महाराष्ट्र: गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी और केंद्रीय कैबिनेट ने की राष्ट्रपति शासन की सिफारिश, शिवसेना पहुंची सुप्रीम कोर्ट
उद्धव ठाकरे, राज्यपाल कोश्यारी, शरद पवार (Photo Credits: IANS)

महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार गठन को लेकर जारी खींचतान के बीच राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने की संभावना तेज हो गई है. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) इस बात से 'संतुष्ट' हैं कि राज्य सरकार को संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा सकता. उन्होंने इस बाबत राष्ट्रपति को एक रपट भेजी है. उधर, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी मंगलवार को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुलाई गई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई और प्रदेश में केंद्रीय शासन लगाने का राष्ट्रपति से अनुरोध करने का निर्णय किया गया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) की मंजूरी के बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा. उधर, शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जिसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी गई है. इसमें कहा गया कि उन्हें सरकार बनाने की क्षमता को साबित करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया. एडवोकेट सुनील फर्नांडिस ने शिवसेना की ओर से यह याचिका दायर की है. यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र: NCP नेता नवाब मलिक बोले- कांग्रेस और शिवसेना के बिना सरकार बनाना संभव नहीं है.

दरअसल, रविवार से सोमवार तक शिवसेना के सरकार न बना पाने के बाद सोमवार शाम को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने तीसरे सबसे बड़े दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को मौका दिया था. एनसीपी को मिला यह समय मंगलवार रात 8:30 बजे खत्म हो रहा है.

उधर, एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस के सहयोग के बिना और तीनों दलों (एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना) के बीच विचार विमर्श के बिना सरकार का गठन नहीं हो सकता. बता दें कि 21 अक्टूबर को 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए चुनावों में बीजेपी ने 105 सीटों, शिवसेना ने 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी.