प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को हरियाणा के रोहतक (Rohtak) में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद न्यूज एजेंसी एएनआई के रिपोर्टर से बातचीत की. इस दौरान रिपोर्टर ने पीएम मोदी से पूछा कि ...मसूद अजहर (Masood Azahar) की लिस्टिंग हुई. आप दोबारा पावर में आते हैं तो क्या हम ऐसे और एक्शन देख सकते हैं जैसे हाफिज सईद (Hafiz Saeed) और दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) अभी भी पाकिस्तान में हैं. इस सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप कुछ नाम लेकर अपना समय बर्बाद मत करिए. देश के ऊपर जहां भी, जिस भी प्रकार के खतरे होंगे, चाहे व्यक्ति के द्वारा हो, व्यवस्था के द्वारा हो, चाहे जल में हो, थल में हो, नभ में हो या अतंरिक्ष में हो. भारतीय की सुरक्षा के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रतिबद्ध है. भारत की सुरक्षा के लिए जो भी कदम उठाने पड़ेंगे वो हम उठाते रहे हैं आगे और जोर से उठाएंगे.
बता दें कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने ‘जैश-ए-मोहम्मद’ सरगना मसूद अजहर को ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित किया था. भारत के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी गई. दरअसल, भारत पिछले 10 बरस से मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करवाने के लिए प्रयासरत था. साल 2009 में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद भारत ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ये प्रस्ताव पेश किया था. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: सिख दंगों पर बोले पीएम मोदी, तीन शब्द 'हुआ तो हुआ' कांग्रेस की मानसिकता दिखाते हैं
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PM Modi on if action will be taken against Hafiz Saeed & Dawood Ibrahim like Masood Azahar, if BJP comes back to power: Don't take names of individuals, any threat to nation, be it by people or system, whether it's on land, sky or in space, BJP is bound to protect India & Indians pic.twitter.com/Hn166VqO2p
— ANI (@ANI) May 10, 2019
पठानकोट के वायु सैनिक ठिकाने पर हमले के बाद 2016 में भारत ने फिर प्रस्ताव पेश किया और अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के सहयोग के बावजूद सफलता नहीं मिल पाई. 2017 में जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना के शिविर पर हमले के बाद भारत फिर यह प्रस्ताव लाया, लेकिन एक बार फिर चीन ढाल बनकर खड़ा हो गया. पुलवामा हमले के बाद इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों में और तेजी आई और आखिरकार चीन भी इस मुहिम में शामिल होने के लिए तैयार हो गया.