Effective Weight Loss Tips: वजन घटाना है तो बच्चे बन जाएं! सिर्फ तीन आदतों से दिखने लगेगा बदलाव

नई दिल्ली, 29 मार्च : मौसम करवट ले रहा है. सर्दी हमें बाय कह चुकी है और गर्मियां बाहें फैलाकर स्वागत कर रही हैं. मौसम के बदले मिजाज के साथ ही हमें अपनी कुछ आदतों पर भी विराम लगाना चाहिए. एक ऐसा डाइट प्लान बनाना चाहिए जो सेहत के लिए परफेक्ट हो. सेहत भी ठीक रहे और वजन भी न बढ़े.

प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद भी खान-पान पर विशेष फोकस करने की नसीहत देता है. खैर बच्चों की तरह खाकर कैसे वजन कम कर सकते हैं इस पर आईएएनएस से न्यूट्रिशनिस्ट डॉ अमित कुमार ने बात की. उन्होंने तीन सूत्र बताए जिससे रिजल्ट अच्छे आते हैं. खाने से परहेज या फिर डाइटिंग जैसी चीज इसमें शामिल नहीं है, बच्चों की तरह ऊंची कुर्सी पर बैठकर बिब भी नहीं लगाना है0-८०८०८८०८८०८८-! डॉक्टर मिश्रा कहते हैं, "एक बच्चे से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं. यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि बिना किसी अनुभव के एक बच्चा हमें स्वस्थ रहने का रोडमैप दे सकता है." यह भी पढ़ें : Maharashtra Electricity Rates: राज्य में ग्राहकों को बड़ा दिलासा!1 अप्रैल से बिजली बिल में 10 प्रतिशत की कटौती

सबसे पहले तो आपको दो डाइट्स के बीच में ज्यादा गैप नहीं लेना है. महज एक से तीन घंटे में कुछ ठोस और हेल्दी खाने की आदत डाल लेनी चाहिए. अंडे, पनीर या दही जैसे ठोस प्रोटीन स्रोत शामिल होने चाहिए, साथ ही साबुत अनाज जैसे रेशेदार कार्बोहाइड्रेट भी शामिल होने चाहिए. दिन की संतुलित शुरुआत के लिए इसमें फल या सब्ज़ियाँ शामिल करें.

तीन से चार घंटे बाद, सब्ज़ियों से बना सूप या सलाद लें. प्रोटीन में बीन्स और अनाज का शाकाहारी मिश्रण या मीट शामिल होना चाहिए. दोपहर में योजनाबद्ध तरीके से लिया गया छोटा-सा भोजन दोपहर के भोजन और रात के खाने के बीच के अंतराल को अच्छी तरह से फिल करता है, जिससे बाद में अत्यधिक भूख नहीं लगती.

न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक "यह एक छोटा लेकिन संतोषजनक विकल्प हो सकता है जैसे कि पनीर के साथ फल, हल्का एंट्री सलाद या प्रोटीन-मिश्रित स्मूदी." रात का खाना स्मॉल स्नैक्स के लगभग चार घंटे बाद खाना चाहिए. पकी हुई सब्जियों की एक या दो सर्विंग और एक ताज़ा सलाद से शुरुआत बेहतर होता है.

डॉक्टर कहते हैं, "सोया दूध या दही के साथ हाई फाइबर अन्न एक और विकल्प है, और कुछ गर्म के लिए, कोको या चाय आराम करने का एक शानदार तरीका हो सकता है. इसके अलावा दूध और केला भी डिनर के तौर पर लिया जा सकता है." दूसरी सबसे जरूरी चीज खाते वक्त जल्दबाजी न करना है. ठीक वैसे जैसे बच्चे करते हैं. आराम से 10-15 मिनट खाने में लगाते हैं. व्यस्कों को भी ऐसा ही करना चाहिए. आयुर्वेद भी कहता है हर निवाले को चबाना चाहिए.

एक्सपर्ट के अनुसार इसके पीछे एक साइकॉलजी भी है. असल में जल्दी-जल्दी खाने से आपके मस्तिष्क के लिए यह समझना मुश्किल हो जाता है कि आपका पेट भर गया है, जिसके परिणामस्वरूप आप ज्यादा खा सकते हैं. तीसरी और सबसे जरूरी बात कुछ भी खाने से बचें. खाना तभी खाएं जब भूखे हों इसलिए नहीं कि आप ऊब गए हैं या तनाव में हैं. डॉक्टर कुमार कहते हैं- "बच्चों की तरह, अपने शरीर के प्राकृतिक भूख संकेतों को सुनना जरूरी है."

छोटे अंतराल पर आहार, जल्दबाजी से बचना और मूड के हिसाब से नहीं भूख के हिसाब से खाना ही वजन कम करने के तीन अहम सूत्र हो सकते हैं. हालांकि किसी भी तरह की आदत को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाने से पहले एक्सपर्ट सलाह जरूर लेनी चाहिए. वो इसलिए क्योंकि सबकी प्रकृति अलग-अलग होती है.