कर्नाटक में सियासी ड्रामा जारी: विधानसभा में धरने पर बीजेपी विधायक,राज्यपाल बोले-शुक्रवार 1.30 बजे कुमारस्वामी साबित करें बहुमत
सीएम कुमारस्वामी और बीएस येदियुरप्पा (Photo Credit-PTI/Facebook)

नई दिल्ली. कर्नाटक में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) ने गुरुवार को विश्वासमत (Trust Vote) पेश किया लेकिन विश्वासमत पर वोटिंग नहीं हुई. स्पीकर ने विश्वासमत पर बहस जारी रखते हुए कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी. प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) की तरफ से अपनी बात रखी जानी अभी बाकी ही थी. गुरुवार को विश्वासमत पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और जेडीएस ने बीजेपी (BJP) पर अपने एक विधायक श्रीमंत पाटिल को अगवा करके मुंबई (Mumbai) ले जाने का आरोप लगाया. इसे लेकर सत्ता पक्ष के विधायकों ने सदन में काफी हंगामा भी किया.

इस बीच कर्नाटक के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) को पत्र लिखा है. उन्होंने 1.30 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने पर विचार करने को कहा है. यह भी पढ़े-Karnataka Floor Test: शोर-शराबे के बीच कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार सुबह तक स्थगित

कांग्रेस सदस्यों द्वारा भाजपा (BJP) के खिलाफ लगातार की जा रही नारेबाजी के बाद विधानसभा उपाध्यक्ष कृष्णा रेड्डी द्वारा सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) की तरफ से अपनी बात रखी जानी अभी बाकी ही थी.

बीजेपी विधायकों को मनाने के लिए कांग्रेस के नेता डी के शिवकुमार पहुंचे. ये बात अलग है कि बीजेपी विधायकों ने उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया. डी के शिवकुमार का कहना है कि बीजेपी के विधायक मधु स्वामी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की मदद से आप लोग सरकार में बने हुए हैं और अब सुप्रीम कोर्ट उनके साथ है. इसका अर्थ ये है कि बीजेपी जानबूझकर अदालत को इस मामले में घसीटकर उसका अपमान कर रही है. यह भी पढ़े-Karnataka Floor Test: राज्यपाल का स्पीकर को संदेश- आज ही हो विश्‍वासमत पर मतदान, कांग्रेस ने कहा- गवर्नर न दें दखल

सत्ताधारी गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद राज्य में सरकार के लिये मुश्किलें बढ़ गई हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) ने एक वाक्य का प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सदन उनके नेतृत्व वाली 14 महीने पुरानी सरकार में विश्वास व्यक्त करता है. यह भी पढ़े-कर्नाटक के सियासी नाटक का होगा 'द एंड' ? कुमारस्वामी सरकार का फ्लोर टेस्ट आज, 15 बागी विधायकों के शामिल होने पर सस्पेंस

सरगर्मी भरे माहौल में गुरुवार को शुरू हुई सदन की कार्यवाही में 20 विधायक नहीं पहुंचे. इनमें 17 सत्तारूढ़ गठबंधन के हैं. बागी विधायकों में से 12 फिलहाल मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं.

सदन की कार्यवाही को गतिरोध के चलते दो बार थोड़ी थोड़ी देर के लिये स्थगित करना पड़ा और बाद में हंगामे के चलते कार्यवाही को दिन भर के लिये स्थगित कर दिया गया.

सदन की कार्यवाही स्थगित होने से पहले, भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा (BS Yeddyurappa) ने घोषणा की कि उनकी पार्टी के सदस्य रातभर सदन में ही रहेंगे और विश्वास प्रस्ताव पर फैसला होने तक सदन में ही डटे रहेंगे.

येदियुरप्पा (BS Yeddyurappa) ने कहा, ‘‘हम विश्वास मत के प्रस्ताव पर फैसला होने तक रूके रहेंगे.’’उन्होंने कहा कि विश्वास प्रस्ताव पर ठीक तरह से 15 मिनट भी चर्चा नहीं हुई है और सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य अन्य मुद्दों को उठा रहे हैं ताकि विश्वास प्रस्ताव को टाला जा सके. उन्होंने कहा, ‘‘ संवैधानिक रूपरेखा का उल्लंघन हुआ है. ’’येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘ इसका विरोध करने के लिए हम यहां सोएंगे.’

सत्तारूढ़ गठबंधन की मुश्किलें उस वक्त और बढ़ गईं जब कांग्रेस के एक अन्य विधायक श्रीमंत पाटिल सदन से गैर-हाजिर दिखे. उनके बारे में ऐसी खबरें आ रही हैं कि उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने कहा कि मुंबई में ठहरे 15 बागी विधायक उच्चतम न्यायालय के आदेश से प्रभावित हैं कि वे विधानसभा की कार्यवाही से दूर रह सकते हैं और विधानसभाध्यक्ष के आर रमेश से कहा कि वे कांग्रेस विधायक दल के नेता के तौर पर जारी व्हिप के भविष्य को लेकर कोई फैसला दें.

सदन में विश्वास मत पर जैसे ही चर्चा शुरू हुई सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने अध्यक्ष के आर रमेश कुमार से कहा, “अगर यह प्रस्ताव लिया जाता है तो यह संवैधानिक नहीं होगा. यह संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करता है. मैं आपसे इसे टालने का अनुरोध करता हूं. मैं इस व्यवस्था के विषय पर आपका फैसला चाहता हूं.” विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर कहा कि वह इस पर महाधिवक्ता से परामर्श करेंगे.