नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सियासी उठापटक जोरों पर है. कांग्रेस (Congress) आलाकमान के बुलावे पर लगभग 22 विधायक बीती रात रायपुर से दिल्ली पहुंच चुके है. कयास लगाये जा रहे है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव (TS Singh Deo) की जिम्मेदारी बदली जा सकती है. दरअसल दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच लंबे समय से रस्साकशी जारी है. जिस वजह से कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई में विद्रोह की स्थिती बनी हुई है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस विवाद: फिर दिल्ली पहुंचेंगे बघेल, नेतृत्व के साथ मुलाकात की संभावना
खबरों के अनुसार, छत्तीसगढ़ कांग्रेस में जारी तनातनी के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दिल्ली पहुंचेंगे और कांग्रेस नेताओं से मुलाकात करेंगे. सूत्रों ने कहा कि यह भी उम्मीद है कि वह पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं. हालांकि राज्य में संकट और गहरा गया है, क्योंकि 36 विधायक भी वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल से मिलने और उन्हें राज्य की स्थिति से अवगत कराने के लिए नई दिल्ली आ रहे.
राज्य के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव ने गुरुवार को जहां स्पष्ट रूप से कहा कि पार्टी आलाकमान द्वारा उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वह वह लेंगे. मगर उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में शीर्ष पद के लिए हर कोई आकांक्षी है. राहुल गांधी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और शीर्ष पद के दावेदार सिंहदेव से मुलाकात की थी. बताया जा रहा है कि सिंह देव को राज्य कैबिनेट में अधिक महत्व दिया जा सकता है.
छत्तीसगढ़: कांग्रेस के लगभग 22 विधायक रायपुर से दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं।
कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने बताया, “प्रदेश में हम भूपेश बघेल के नेतृत्व में जनता की सेवा कर रहे हैं। दिल्ली आलाकमान से यहां की स्थिती पर बात कर रहे हैं। सारे विधायक एकजुट हैं।” pic.twitter.com/2neRr3YsBS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 26, 2021
बैठक के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन पर कोई चर्चा नहीं हुई." पुनिया ने मुख्यमंत्री और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक में भाग लिया. इन दोनों नेताओं की राहुल गांधी के साथ बैठक तब हुई, जब सिंहदेव के राज्य में शीर्ष पद के लिए कथित दावे के बीच बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की मांग की गई थी.
बघेल और सिंहदेव के बीच मतभेदों की कई खबरें थीं, बाद में मुख्यमंत्री को बदलने के लिए महीनों तक जोर-शोर से पैरवी की गई. 27 जुलाई को विपक्ष ने कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह के आरोपों की हाउस पैनल जांच की मांग को लेकर हंगामा किया था और आरोप लगाया था कि मंत्री उन पर हमले के पीछे थे, उस दिन सिंहदेव ने यह कहते हुए विधानसभा से बहिर्गमन किया था.
इस बीच बुधवार को बैठक के बाद दिल्ली से लौटने पर बघेल का रायपुर में जोरदार स्वागत हुआ. सिंह देव द्वारा बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की मांग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "जब सोनिया और राहुल मुझे आदेश देंगे तो मैं पद छोड़ दूंगा. 2 से 2.5 साल की योजना के बारे में बात करने वाले राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कभी सफल नहीं होंगे."
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे. सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए.