
इंफाल: मणिपुर में राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसा के बढ़ते माहौल के बीच अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है. बता दें कि इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. मणिपुर पिछले कुछ महीनों से जातीय संघर्ष और हिंसा से जूझ रहा था. राज्य में बार-बार अशांति फैल रही थी, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब हो गई थी. इसी के चलते मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया और केंद्र सरकार ने वहां राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लिया.
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है क्योंकि सत्तारूढ़ बीजेपी नेतृत्व एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के कुछ दिनों बाद भी मुख्यमंत्री पद के लिए किसी नए नेता का नाम तय करने में विफल रहा है. गृह मंत्रालय (एमएचए) ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा करते हुए एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की है.
क्या है राष्ट्रपति शासन?
राष्ट्रपति शासन का मतलब है कि अब मणिपुर की सारी प्रशासनिक और सरकारी शक्तियां केंद्र सरकार के हाथों में आ गई हैं. राज्य में गवर्नर के माध्यम से केंद्र सरकार शासन करेगी और कोई मुख्यमंत्री या मंत्रिमंडल नहीं होगा.
क्या थी इस्तीफे की वजह?
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह लंबे समय से मणिपुर की बिगड़ती स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बढ़ती हिंसा, जातीय तनाव और प्रशासनिक चुनौतियों के कारण उन्होंने खुद ही पद छोड़ने का फैसला किया.