VIDEO: क्या UP वालों को शराबी बनाना चाहती है बीजेपी? AAP विधायक अतीशी ने योगी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता अतीशी ने उत्तर प्रदेश में चल रही एक नई शराब स्कीम पर कड़ी आपत्ति जताते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं. दरअसल, यूपी के कई शहरों में शराब की दुकानों पर एक बोतल पर एक बोतल मुफ्त देने का ऑफर दिया जा रहा है, जिसके चलते शराब प्रेमियों की भारी भीड़ इन दुकानों पर उमड़ रही है. अतीशी ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला किया और पूछा, "क्या बीजेपी उत्तर प्रदेशवासियों को शराबी बनाना चाहती है?"

बीजेपी पर गंभीर आरोप: शराबी बनाने की साजिश?

अतीशी ने कहा, "उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, और वहां के विभिन्न शहरों में सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रही हैं, उनमें देखा जा सकता है कि शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हैं, एक तरह से stampede जैसी स्थिति बन गई है. क्या ये दिखाता है कि बीजेपी अपनी नई नीति के जरिए लोगों को शराब के प्रति आकर्षित कर रही है? क्या बीजेपी इसको लेकर सड़कों पर उतरकर विरोध करने वाली है?"

क्या है यूपी में चल रही शराब स्कीम?

उत्तर प्रदेश में इस वक्त एक स्कीम चल रही है, जिसके तहत शराब की एक बोतल खरीदने पर एक बोतल मुफ्त दी जा रही है. इस स्कीम को लेकर शराब की दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ रही है, खासकर मुजफ्फरनगर, हापुड़ जैसे शहरों में, जहां शराब खरीदने के लिए लोग मारा-मारी कर रहे हैं. इसकी वजह से पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैनात करना पड़ा है.

आबकारी नीति का असर

यह सब उत्तर प्रदेश की नई आबकारी नीति के कारण हो रहा है, जिसके तहत शराब दुकानदारों को 31 मार्च 2025 तक अपने पुराने स्टॉक को खत्म करना है. इसके बाद 1 अप्रैल 2025 से नई ई-लॉटरी प्रणाली के तहत नई दुकानों का संचालन शुरू होगा. इस कारण दुकानदार पुराने स्टॉक को खपाने के लिए ऐसी स्कीम्स चला रहे हैं. हालांकि, इस स्कीम के चलते दुकानों पर मची भीड़ और नियंत्रण की समस्या सवालों के घेरे में आ गई है.

राजनीतिक दृष्टिकोण से क्या कहती है अतीशी?

अतीशी ने बीजेपी की शराब नीति पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की योजनाएं केवल शराब के शौकीनों को और बढ़ावा देती हैं, और यह समाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं. उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या बीजेपी का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के लोगों को शराब की लत में डालना है? क्या सरकार का यह कदम जनता की भलाई के लिए है या इसे राजनीतिक फायदे के तौर पर देखा जा रहा है?

img