नई दिल्ली. एक तरह जहां आईएनएक्स मीडिया (INX Media Case) में मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) को राहत नहीं मिल रही है तो दूसरी तरफ एयरसेल-मैक्सिस मामले के चलते आनेवाले समय में उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती है. दिल्ली की एक अदालत में जांच एजेंसियों केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने संप्रग सरकार के दौरान वित्त मंत्री के तौर पर अपने अधिकार क्षेत्र से आगे जाकर एयरसेल-मैक्सिस सौदे को मंजूरी प्रदान की जिससे कुछ लोगों को लाभ पहुंचा और रिश्वत ली गई.
चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति को गिरफ्तारी से संरक्षण का विरोध करते हुए एजेंसियों ने कहा कि वे जांच को प्रभावित करेंगे और एयरसेल-मैक्सिस घोटाले से संबंधित मामलों में उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ किये जाने की मांग की. सीबीआई और ईडी ने पिता-पुत्र द्वारा दायर अग्रिम जमानत अर्जियों का भी विरोध करते हुए कहा कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. यह भी पढ़े-INX मीडिया केस: सीबीआई की हिरासत में रहेंगे पी चिदंबरम, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-जमानत के लिए निचली अदालत में जाएं
Addl Solicitor General KM Natraj: Forgein bank accounts, acquisition of properties, formation of shell companies for circulation of money need to be investigated in detail and, therefore, need custodial interrogation in Aircel Maxis case. https://t.co/y5cmjoVc9s
— ANI (@ANI) September 2, 2019
जांच एजेंसियों ने विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी को बताया कि चिदंबरम (73) और कार्ति ने गंभीर आर्थिक अपराध किये हैं और यह जनता और राष्ट्रहित के खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र है. सीबीआई ने कहा कि पिता-पुत्र से सख्ती के साथ निपटे जाने की जरूरत है. एजेंसी ने कहा कि एयरसेल-मैक्सिस भ्रष्टाचार मामले की जांच अभी जारी है.
ईडी ने कहा कि चिदंबरम और उनके पुत्र धनशोधन और अन्य अपराधों के आरोपी हैं. इस बात को मानने के कारण हैं कि चिदंबरम और कार्ति ने धनशोधन किया था जो उनकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त है.
(भाषा इनपुट के साथ)