बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग, 17 विपक्षी दल चुनाव आयोग से मिलेंगे
विपक्षी नेता एक साथ मंच पर मौजूद (Photo Credit-ANI)

नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी दल एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार को हराने के लिए महागठबंधन का खांका खींच रहे हैं. वहीं इन चुनावों को ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से कराने की मांग भी जोर पकड़ रही है. बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विपक्षी पार्टियों से मुलाकात में यह बात उठाई गई थी. वहीं बीते दिनों SP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व CM अखिलेश यादव ने भी बैलट पेपर से चुनाव कराने का मुद्दा उठाया था.  इसी सिलसिले में 17 विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलेगा. दिलचस्प यह है कि इन दलों में केंद्र और महाराष्ट्र सरकार में BJP की सहयोगी शिवसेना भी शामिल है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगले हफ्ते 17 विपक्षी दलों की बैठक होनी तय है. जिसमें ईवीएम से चुनाव कराए जाने के बजाय बैलट पेपर से कराने की मांग पर चर्चा होगी. जिसके बाद इन 17 दलों का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलकर अपना ज्ञापन सौंपेगा.

गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस और समाजवादी पार्टी अपने अधिवेशन में बैलट पेपर पर लौटने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं. वहीं तृणमूल कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी भी ऐसी मांग करती रहीं है. बताया जा रहा है कि संयुक्त विपक्ष इस मुद्दे को संसद में भी उठाकर बड़ा मसला बनाने की तैयारी है.

इन विपक्षी दलों में सरकार की सहयोगी शिवसेना समेत टीएमसी, कांग्रेस, एनसीपी, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, बहुजन समाज पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक), सीपीएम, सीपीआई, जेडी (एस), आईयूएमएल, टीडीपी, केसी (एम), वाईएसआरसीपी शामिल हैं.

ज्ञात हो कि हाल में संपन्न चुनावों में ईवीएम को लेकर गड़बड़ी की कई घटनाएं सामने आईं थीं. जिसे लेकर विपक्षी दलों का आरोप रहा है कि बीजेपी इवीएम में गड़बड़ी कर चुनाव में जीत हासिल करती है. लिहाजा यह जनता के जनादेश का अपमान है.

2014 के बाद कई पार्टियों ने ईवीएम में गड़बड़ी को अपनी हार का जिम्मेदार ठहराया। उत्तरप्रदेश चुनाव के बाद BSP और एसपी ने ईवीएम में गड़बड़ी की बात कही थी. वहीं पंजाब चुनाव के बाद अरविंद केजरीवाल ने भी ईवीएम का मुद्दा उठाया था.