BRICS Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के कजान शहर में हो रहे BRICS सम्मेलन के लिए रवाना हो चुके हैं. यहां वे दो दिन तक रहेंगे. इस बार का BRICS सम्मेलन वैश्विक आर्थिक मुद्दों और सुरक्षा चिंताओं पर केंद्रित होगा, जहां पीएम मोदी अन्य सदस्य देशों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने बताया कि पीएम मोदी की कई द्विपक्षीय बैठकों की योजना बन रही है, जिसमें आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत होगी. हालांकि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ बैठक को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बातचीत के एजेंडे पर काम जारी है.
PM मोदी ने अपनी यात्रा के बारे में सोशल मीडिया पर लिखा है, "मैं BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेने और विभिन्न नेताओं से मिलने के लिए कज़ान जा रहा हूं. भारत BRICS को बहुत महत्व देता है और मैं वहां व्यापक चर्चाओं की आशा करता हूं."
ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने के लिए रूस रवाना हुए PM मोदी
#WATCH | PM Narendra Modi leaves from Delhi for Russia to attend the 16th BRICS Summit, being held in Kazan, under the Chairmanship of Russia, themed "Strengthening Multilateralism for Just Global Development and Security,"
The Prime Minister is also expected to hold bilateral… pic.twitter.com/D0If0sYKc2
— ANI (@ANI) October 22, 2024
भारत BRICS को बहुत महत्व देता है: पीएम मोदी
Leaving for Kazan, Russia, to take part in the BRICS Summit. India attaches immense importance to BRICS, and I look forward to extensive discussions on a wide range of subjects. I also look forward to meeting various leaders there.https://t.co/mNUvuJz4ZK
— Narendra Modi (@narendramodi) October 22, 2024
यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब रूस और यूक्रेन के बीच 20 महीने से युद्ध चल रहा है. मिडिल ईस्ट में बढ़ते संघर्ष की वजह से विश्वभर में अस्थिरता का माहौल है. इन परिस्थितियों में शांति और संघर्ष समाधान पर भारत की अहम भूमिका की उम्मीद की जा रही है.
BRICS शिखर सम्मेलन से पहले भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एक अहम समझौता हुआ है. यह यह समझौता विशेष रूप से देपसांग और डेपचोक क्षेत्रों में पेट्रोलिंग और सैनिकों को पीछे हटाने से संबंधित है. इसके कारण पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच संभावित द्विपक्षीय वार्ता की संभावनाएं बढ़ गई हैं. वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान रूसी सेना में शामिल भारतीयों के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है.