कोटा में एक और छात्र की आत्महत्या, पंखे से लटका मिला NEET स्टूडेंट का शव, इस साल सुसाइड का 7वां केस
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कोटा: राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में खुदकुशी का नया मामला सामने आया है. मंगलवार को 18 वर्षीय नीट (NEET) अभ्यर्थी अंकुश मीणा का शव उनके पीजी रूम में पंखे से लटका मिला. यह कोटा में इस साल का सातवां छात्र आत्महत्या मामला है. सवाई माधोपुर जिले का 18 वर्षीय छात्र नीट परीक्षा की तैयारी कर रहा था. अंकुश मीणा के कमरे से कोई संदेश नहीं मिला है. हालांकि, पुलिस का अनुमान है कि छात्र ने प्रेम प्रसंग के चलते आत्महत्या की. पुलिस के अनुसार, छात्र डेढ़ साल से कोटा में रह रहा था और मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रहा था. वह प्रताप नगर स्थित एक पीजी रूम में रह रहा था.

दादाबाड़ी पुलिस थाने में सर्कल इंस्पेक्टर एम. लाल यादव ने बताया कि अंकुश मंगलवार सुबह पंखे से लटका मिला. उन्होंने बताया कि अंकुश के रिश्ते के एक भाई ने इस बारे में पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और भारतीय न्याय संहिता की धारा 194 के तहत एक मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में पुलिस एक प्रेम प्रसंग को आत्महत्या की वजह मान रही है, हालांकि इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है.

परिवार ने क्या कहा?

परिवार के अनुसार, अंकुश ने नीट की तैयारी के दौरान कोई विशेष मानसिक दबाव नहीं दिखाया. अंकुश के मामा ने बताया कि वह अपने टेस्ट में नियमित रूप से 480 अंक स्कोर कर रहा था, जिससे यह प्रतीत होता है कि अकादमिक दबाव उसका मुख्य कारण नहीं था.

घटना के कुछ घंटे पहले, अंकुश ने अपने पिता से सुबह 8 बजे फोन पर बात की थी, लेकिन उसने कोई परेशानी व्यक्त नहीं की.

2025 में अब तक 7 छात्रों की आत्महत्या

कोटा में इस वर्ष छात्रों के आत्महत्या का यह सातवां मामला है. पिछले साल 2024 में कोटा में 17 कोचिंग छात्रों ने आत्महत्या की थी. जनवरी 2025 में ही 6 छात्रों ने खुदकुशी की थी. जिनमें 5 JEE अभ्यर्थी और 1 NEET अभ्यर्थी शामिल थे.

हाल की आत्महत्या घटनाएं:

18 जनवरी: 16 वर्षीय मनन जैन ने कोटा के बूंदी स्थित अपने घर में फांसी लगा ली.

16 जनवरी: ओडिशा के अभिजीत गिरी ने अंबेडकर कॉलोनी स्थित हॉस्टल में आत्महत्या कर ली.

8 जनवरी: 20 वर्षीय अभिषेक (मध्य प्रदेश) ने पीजी रूम में फांसी लगा ली.

7 जनवरी: हरियाणा के नीरज ने हॉस्टल में पंखे से लटककर जान दे दी.

आखिर क्यों कोटा बन रहा है ‘सुसाइड सिटी’?

कोटा में हर साल लाखों छात्र मेडिकल (NEET) और इंजीनियरिंग (JEE) की तैयारी के लिए आते हैं. लेकिन इन सफलताओं के पीछे अत्यधिक दबाव, प्रतिस्पर्धा और मानसिक तनाव भी बढ़ता जा रहा है. हजारों छात्र एक सीमित संख्या में सीटों के लिए संघर्ष करते हैं. इसके अलावा प्रेम संबंध, दोस्ती में अनबन या निजी जीवन के अन्य तनाव भी आत्महत्या के कारण बनते हैं.

डिस्क्लेमर: अगर आप या आपका कोई प्रिय व्यक्ति मानसिक तनाव से गुजर रहा है, तो मदद लेना न भूलें.

आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबर: टेली मानस (स्वास्थ्य मंत्रालय) – 14416 या 1800 891 4416; निमहंस – + 91 80 26995000 /5100 /5200 /5300 /5400; पीक माइंड – 080-456 87786; वंद्रेवाला फाउंडेशन – 9999 666 555; अर्पिता आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन – 080-23655557; आईकॉल – 022-25521111 और 9152987821; सीओओजे मानसिक स्वास्थ्य फाउंडेशन (सीओओजे) – 0832-2252525.