लखनऊ: नगर निगम शहर के भिखारियों को रोजगार देने की योजना बना रहा है ताकि ये लोग भीख मांगने का काम छोड़ कर अपनी मेहनत के बल पर रोजी-रोटी कमायें और अपना एवं अपने परिवार का पेट भरने में सक्षम हों. नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक शहर में कुल 543 भिखारी हैं लेकिन गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार यह संख्या करीब पांच हजार है। लखनऊ नगर निगम (Lucknow Nagar Nigam) शहर में भीख मांगने वाले इन्हीं लोगों को रोजगार देने की योजना बना रहा है। इसके लिए नगर निगम के सभी वार्डों में सर्वे किया जा रहा है.
नगर आयुक्त इंद्र मणि त्रिपाठी ने मंगलवार को 'भाषा' को बताया कि ''सर्वेक्षण के अनुसार शहर में 543 भिखारी है जिन्हें नगर निगम रोजगार देने की योजना पर काम कर रहा है. हमारी यह योजना भीख मांगने वालों को मुख्यधारा में जोड़ने के मकसद से चलाई जा रही है। इन लोगों से नगर निगम के कुछ काम करवाने की योजना है जैसे घर-घर जाकर कचरा जमा करना, सफाई का काम, सड़कों पर बिजली की व्यवस्था का काम, सीवर नाले की सफाई का काम आदि। इन लोगों को उनकी योग्यता एवं क्षमता के मुताबिक काम दिया जाएगा.” यह भी पढ़े: Twitter पर भीख मांगना है 25 साल के एक शख्स का पेशा, इस ऑनलाइन भिखारी की कमाई और लाइफस्टाइल जानकर दंग रह जाएंगे आप
Lucknow Municipal Corporation to identify, rehabilitate & provide jobs to beggars. Lucknow Municipal Commissioner Indramani Tripathi says, "We are conducting a survey to identify beggars, to bring them into mainstream by providing them jobs like door to door garbage collection." pic.twitter.com/WabdTLbCui
— ANI UP (@ANINewsUP) July 7, 2019
उन्होंने बताया कि शहर में बहुत से भीख मांगने वाले वित्तीय मजबूरियों और आर्थिक तंगी की वजह से भीख मांगने पर मजबूर हुए हैं और इन्हें इनकी क्षमता के अनुसार काम दिया जायेगा. ऐसे भिखारियों को पहले उनकी क्षमता के अनुसार प्रशिक्षण दिया जायेगा बाद में उनको काम पर लगाया जायेगा । इस काम में समाज कल्याण विभाग की भी मदद ली जा रही है.त्रिपाठी ने बताया कि ऐसे लोगों को उनकी कार्यक्षमता के अनुसार आठ से नौ हजार रूपये वेतन दिया जायेगा। भिखारियों को रोजगार देने के लिये वार्डों में सर्वेक्षण का काम हो रहा है और अगले माह से इस कार्ययोजना को अमल में लाने का काम शुरू हो जायेगा.