सरकारी बैंकों (Public Sector Banks) के दो दिवसीय हड़ताल के बाद आज लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) के कर्मचारी हड़ताल (Strike) पर हैं. हड़ताल के कारण एलआईसी दफ्तर में कामकाज पूरी तरह प्रभावित है. कर्मचारियों की यह एक दिवसीय हड़ताल केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित एलआईसी के विनिवेश (Disinvestment) को लेकर है. एलआईसी में लगभग 1,14,000 कर्मचारी हैं और इसके पॉलिसी धारकों (Policy Holders) की संख्या 29 करोड़ से भी ज्यादा है. सरकार के मालिकाना हक वाले एलआईसी की शुरुआत साल 1956 में हुई थी.
दरअसल, साल 2021 के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने घोषणा की थी कि एलआईसी का आईपीओ लाया जाएगा. सीतारमण ने पीएसयू और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस में हिस्सेदारी बेचकर 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का विनिवेश लक्ष्य रखा है. आईडीबीआई बैंक के अलावा, दो पब्लिक सेक्टर बैक और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार की विनिवेश योजना का हिस्सा हैं. यह भी पढ़ें- Bank Strike: बैंक हड़ताल से छोटे और मझोले उद्योग प्रभावित.
हड़ताल कर रहे एलआईसी कर्मचारी-
#Tumakuru #LICSTRIKE against @nsitharaman's decision to launch IPO in the share market. "Like mutual funds investment on LIC subjected2 market risk"?@XpressBengaluru @AshwiniMS_TNIE @santwana99 @ramupatil_TNIE @Amitsen_TNIE @ShivascribeTNIE @chetanabelagere @balachauhan pic.twitter.com/GOyrG9UORC
— Devaraj Hirehalli Bhyraiah (@swaraj76) March 18, 2021
मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एलआईसी की वर्तमान वैल्यू कम से कम 12 लाख करोड़ रुपए है. सरकार इसमें 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. उधर, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि एलआईसी का निजीकरण नहीं किया जा रहा है तथा बैंकों के संदर्भ में अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए.
इससे पहले, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में कहा था कि एलआईसी का आईपीओ लाने का प्रस्ताव है और इस कदम से किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी एवं एलआईसी और निवेशकों दोनों को फायदा होगा.