
Crop Destroyed in Washim: महाराष्ट्र के वाशिम जिले से एक बेहद दर्दनाक तस्वीर सामने आई है, जहां मनोरा मार्केट कमेटी में अचानक हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया. जिन किसानों ने तपती गर्मी, ठंडी हवाओं और मौसम की मार झेलते हुए मूंगफली, तूर और हल्दी जैसी फसलें उगाई थीं, उन्हें अब खुले आसमान के नीचे बारिश से बचाने के लिए संघर्ष करते देखा गया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक किसान को देखा गया, जो अपनी मूंगफली की फसल को बचाने के लिए इधर-उधर भागता रहा.
वह हाथों से फसल को ढंकने की कोशिश करता रहा, लेकिन भारी बारिश के सामने उसकी सारी कोशिशें नाकाम हो गईं. भीगी फसल के साथ उसकी उम्मीदें भी धुल गईं.
मेहनत से उगाई फसल बारिश से बर्बाद
The most heart-wrenching video on the Internet today. A farmer trying to save his groundnut produce being washed away in the rain water.
Video via @PotliNewspic.twitter.com/OIdnbNEhac
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) May 17, 2025
किसानों को काफी नुकसान
Washim, Maharashtra: Heavy rain continued for the fourth day in Washim district, soaking tur and turmeric crops in Manora market and causing significant losses to farmers. The rainfall improved soil moisture, boosting Kharif sowing preparations and providing relief from recent… pic.twitter.com/4IP63t7NPi
— IANS (@ians_india) May 15, 2025
किसानों की बेबसी, सिस्टम की नाकामी
इन किसानों के लिए ये फसल सिर्फ अनाज नहीं थी, बल्कि यह उनकी जिंदगी का सहारा थी. वे मनोरा मंडी में अपनी उपज बेचने आए थे, ताकि मेहनत का फल मिल सके. लेकिन, मौसम ने उनके सारे अरमान चकनाचूर कर दिए. चार दिन से लगातार हो रही बारिश ने मंडी में खुले में रखी फसलों को बर्बाद कर दिया.
इस घटना ने आम जनता के बीच सहानुभूति और गुस्सा दोनों पैदा कर दिया है. लोग सोशल मीडिया पर सरकार से सवाल कर रहे हैं कि आखिर मंडियों में अब तक बारिश से बचाव के लिए बुनियादी ढांचे क्यों नहीं बनाए गए?
क्या होना चाहिए समाधान?
कई लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि किसानों के लिए तत्काल राहत और बीमा सुविधा सुनिश्चित की जाए. जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आए, सरकार को तुरंत सक्रिय होकर किसानों की मदद करनी चाहिए ताकि वे बार-बार ऐसे नुकसान के शिकार न हों.
यह सिर्फ एक फसल नहीं थी, यह किसान की मेहनत, उम्मीद और जीवन का सहारा थी.