हर साल 16 जुलाई को विश्व सर्प दिवस (World Snake Day) मनाया जाता है. चूंकि भारत प्राचीनकाल में सांपों की पूजा होती रही है, और इसी माह 29 जुलाई को नागपंचमी का पर्व भी मनाया जाएगा, जिसमें सांपों की पूजा का विधान है, लिहाजा भारतवासियों के लिए विश्व सर्प दिवस का विशेष महत्व माना जा सकता है. हालांकि इस दिवस का उद्देश्य सांपों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना, उनकी विलुप्त होती प्रजातियों को संरक्षण देना है, साथ ही सांपों से जुड़े तमाम नकारात्मक मिथकों एवं भ्रांतियों को भी दूर करना है. आइये जानते हैं विश्व सर्प दिवस क्यों मनाया जाता है, क्यों इसका संरक्षण करना जरूरी है साथ ही जानें विश्व के दस सबसे खतरनाक सांपों के बारे में
क्यों मनाया जाता है विश्व सर्प दिवस?
पारिस्थितिक महत्व: सांप कई पारिस्थितिक तंत्रों में महत्वपूर्ण शिकारी होते हैं, जो कृन्तकों और अन्य शिकार करने वाले जानवरों की आबादी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. यह भी पढ़ें : Quotes on World Day for International Justice 2025: ‘जहां अन्याय हो, वहां न्याय की खामोशी अपराध है’! ऐसे प्रेरक कोट्स भेजकर इस दिवस को सेलिब्रेट करें!
संरक्षण: सर्पो के बारे में जागरूकता बढ़ाकर, विश्व सर्प दिवस साँपों और उनके आवासों के संरक्षण को प्रोत्साहित करता है, जो अक्सर मानवीय गतिविधियों के कारण खतरे में पड़ जाते हैं.
शिक्षा: यह दिवस लोगों को सांपों की प्रजातियों की विविधता, उनके व्यवहार और पर्यावरण के लिए उनके महत्व के बारे में शिक्षित करने का अवसर प्रदान करता है.
मिथक तोड़ना: कई लोग सांपों के बारे में नकारात्मक धारणाएं रखते हैं, जो अक्सर मिथकों और गलत सूचनाओं से प्रेरित होती हैं. विश्व सर्प दिवस इन मिथकों को दूर करने और इन अक्सर गलत समझे जाने वाले जीवों के बारे में बेहतर समझ विकसित करने में मदद करता है.
जैव विविधता: सांप जैव विविधता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनकी उपस्थिति एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत देती है.
विश्व सर्प दिवस मनाकर, लोग सांपों के बारे में अधिक हासिल कर सकते हैं और उनके संरक्षण में सक्रिय रूप से भाग ले सकते हैं.
दुनिया के 10 सबसे खतरनाक सर्प
इनलैंड ताइपैन- (Inland Taipan)
ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला यह सबसे जहरीला सांप माना जाता है. इस एक सांप का जहर 100 लोगों को मारने की क्षमता रखता है.
कोस्टल ताइपैन- (Coastal Taipan)- यह सबसे तेज़ और आक्रामक सर्प होता है. इसका जहर तंत्रिका तंत्र पर असर करता है. यह ऑस्ट्रेलिया और न्यू गिनी में पाया जाता है.
ब्लैक माम्बा (Black Mamba)- ब्लैक माम्बा अफ्रीका में पाया जाता है. यह सर्वाधिक तेज गति (20 किमी/घंटा तक) से भागता है और इसका बहुत घातक जहर होता है.
किंग कोबरा (King Cobra) - दक्षिण एशिया और भारत में पाया जाने वाला यह सर्प दुनिया का सबसे लंबा ( करीब 18 फीट तक) और जहरीला होता है. इसका ज़हर सीधा मस्तिष्क पर असर करता है.
फेर-डे-लांस (Fer-de-Lance) मध्य और दक्षिण अमेरिका में मिलने वाला यह सांप बहुत आक्रामक और घातक ज़हर वाला है. यह मानवों पर हमला करने के लिए बदनाम है.
बूमस्लैंग (Boomslang)- अफ्रीका में ज्यादातर पेड़ों पर रहने वाला यह सांप घातक विष वाला है. इसका जहर खून को जमने से रोकता है, जिससे आंतरिक रक्तस्राव होता है. धीरे असर करता है लेकिन बेहद खतरनाक है.
क्रेट (Banded Krait)- भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाने वाला यह सांप ज्यादातर रात में सोते हुए इंसान पर आक्रमण करता है. इसका जहर तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है.
रसेल वाइपर (Russell’s Viper)- भारत में बहुतायत पाया जाने वाला क्रेट अत्यंत खतरनाक सांप है, इसके काटने के बाद अत्यधिक दर्द, सूजन, रक्तस्राव और अंगों की क्षति हो सकती है.
टाइगर स्नेक (Tiger Snake)- यह सांप ज्यादातर ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है. इसके काटने से मांसपेशियां पंगु हो जाती हैं और आदमी मर जाता है.
सी स्नेक (Belcher’s Sea Snake)- समुद्र में पाया जाने वाला यह सांप अत्यंत जहरीला. हालांकि इसे छेड़ा ना जाए तो यह काटता नहीं है, लेकिन काट ले तो मनुष्य का बच पाना असंभव होता है.













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