Journey of Mahashay Dharampal Gulati: कभी तांगा चलाने वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी जानें कैसे बने मसालों के शहंशाह, ऐसे खड़ा किया करोड़ों का बिजनेस एंपायर
महाशय धर्मपाल गुलाटी ( फोटो क्रेडिट- ANI/FB)

नई दिल्ली:- एमडीएच ग्रुप (MDH Group) के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharampal Gulati) माता चन्नन हॉस्पिटल में 98 साल की उम्र में निधन हो गया. तबियत खराब होने के कारण पिछले कई दिनों से माता चन्नन हॉस्पिटल में एडमिट थे. महाशय धर्मपाल गुलाटी की गिनती उन प्रतिभावान लोगों में होती है. जिन्होंने अपने मेहनत के दम पर अपने बुलंदी की राह बनाई. महाशय धर्मपाल का जन्म 27 मार्च, 1923 को सियालकोट जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है वहां पर हुआ था. भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था. इस आजादी के साथ ही देश में विभाजन का दौर भी आया. जब भारत से अलग होकर एक नया देश पाकिस्तान बना. इसी दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने पाकिस्तान छोड़कर भारत आए थे. इन्ही लोगों में एक परिवार धर्मपाल गुलाटी का भी था.

भारत आते समय महाशय धर्मपाल गुलाटी के पास महज 1500 रुपये था. जब महाशय धर्मपाल गुलाटी भारत पहुंचे तो उनके पास कोई रोजगार नहीं था. इसलिए उन्होंने रोजगार की तलाश में दिल्ली आकर उन्होंने सबसे तांगा चलाना शुरू किया. कुछ दिनों तक चलाने के बाद उन्होंने उस राह को चुना जो उन्हें दुनियाभर में एक नया मुकाम देने वाला था. महाशय धर्मपाल गुलाटी को तांगा दिया और खुद करोलबाग की अजमल खां रोड पर मसाला बेचना शुरू किया. फिर क्या उनके मसाले का स्वाद एक बार जिसने भी चखा वो महाशय धर्मपाल गुलाटी का मुरीद हो गया. MDH Owner Dharampal Gulati Passes Away: एमडीएच के मालिक धर्मपाल गुलाटी का निधन, 98 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

फिर क्या था महाशय धर्मपाल गुलाटी मसाले का कारोबार चल निकला और एमडीएच ब्रांड की नींव पड़ गई. महाशय धर्मपाल गुलाटी ने मसालों की सबसे पहली फैक्ट्री 1959 में राजधानी दिल्ली के कीर्ति नगर में लगाई थी. फिर उसके बाद दूसरी फैक्ट्री और इसके बाद लोगों की जुबान पर MDH ऐसा नाम चढ़ा की जो अब तक नहीं उतरा है. आज एमडीएच मसाला 100 से अधिक देशों में सप्लाई किया जाता है. बता दें कि महाशय धरम पाल गुलाटी आईआईएफएल हुरुन इंडिया रिच 2020 की सूची (IIFL Wealth Hurun India Rich List 2020) में शामिल भारत के सबसे बुजुर्ग अमीर शख्स हैं.