नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने त्योहारी सीजन पर खुशखबरी देते हुए सभी परिपक्वता अवधि के लोन पर सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) को 0.10 प्रतिशत कम करने का ऐलान किया है. इस कटौती के बाद एक साल के लोन का एलसीएलआर 8.05 प्रतिशत हो गया है.
एसबीआई ने एक बयान जारी कर बताया कि एमसीएलआर की नई संशोधित दरें गुरुवार यानि 10 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे. एसबीआई ने इस साल एमसीएलआर में छठी कटौती की है. हालांकि यह कटौती रेपो दर से जुड़े लोन पर प्रभावी नहीं होगी. उल्लेखनीय है कि एसबीआई को अपने कर्ज कारोबार में ‘संतोषजनक’ 12 से 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है.
पिछले वित्त वर्ष में बैंक की कर्ज वृद्धि दर 14 प्रतिशत रही. एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने कुछ समय पहले कहा था कि बैंक का कर्ज पोर्टफोलियो करीब 23 लाख करोड़ रुपये का है. उन्होंने कहा था कि बैंक के पास कर्ज देने को पर्याप्त पैसा है. एसबीआई के कुल लोन कोरोबार में खुदरा लोन की 57 प्रतिशत और कॉरपोरेट लोन की 43 प्रतिशत हिस्सेदारी है. वहीं मंदी का दौर खत्म होने के बाद कॉरपोरेट लोन की मांग में तेजी की उम्मीद है.
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वह एक अक्टूबर से आवास, वाहन और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को फ्लोटिंग दर पर दिये जाने वाले सभी नये कर्जों को रेपो दर जैसे बाहरी मानकों से जोड़ें. दरअसल लोन लेने वाले लगातार यह शिकायत करते रहे हैं कि केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो दर में कटौती के बावजूद उसका पूरा लाभ बैंक अपने ग्राहकों को नहीं दे रहा है.
इस साल सितंबर तक रिजर्व बैंक रेपो दर में 1.10 प्रतिशत की कटौती की, लेकिन बैंकों द्वारा इसमें से सिर्फ 0.40 प्रतिशत का ही लाभ ग्राहकों को दिया गया. स्टेट बैंक अपने कुछ लोन को रेपो से जोड़ने वाला पहला बैंक है.