नई दिल्ली: होली (Holi 2022) से पहले करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को बड़ा झटका लगा है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर ब्याज दरें घटा दी गई है. जानकारी के अनुसार, ईपीएफओ (EPFO) ने अपने लगभग पांच करोड़ ग्राहकों के लिए 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.1 प्रतिशत ब्याज दर तय की है, जो कि चार दशकों में सबसे कम है. ईपीएफओ ने महिला कर्मचारियों के सभी लंबित दावों का किया निपटारा
ईपीएफ (EPF) की नई ब्याज दर 1977-78 के बाद से सबसे कम है, जब ईपीएफ की ब्याज दर 8 फीसदी थी. कोरोना काल में मार्च 2020 में ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को सात साल के निचले स्तर 8.5% तक कम कर दिया था, जो 2018-19 में 8.65 फीसदी था. जबकि 2019-20 के लिए प्रदान की गई ईपीएफ ब्याज दर 2012-13 के बाद से सबसे कम थी, जब इसे घटाकर 8.5% कर दिया गया था.
EPFO fixes 8.1 pc as rate of interest on EPF deposits for 2021-22: Sources
— Press Trust of India (@PTI_News) March 12, 2022
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की निर्णय लेने वाली निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दरों पर फैसला लेती है.
ईपीएफओ ने दिसंबर 2021 में 14.6 लाख सदस्य जोड़े थे. फरवरी महीने में श्रम मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि नवंबर 2021 के मुकाबले दिसंबर 2021 में वास्तविक आधार पर ग्राहकों की संख्या में 19.98 प्रतिशत की वृद्धि हुई. दिसंबर 2021 में वास्तविक आधार पर जोड़े गए कुल 14.60 लाख ग्राहकों में से 9.11 लाख नए सदस्यों को पहली बार ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के तहत नामांकित किया गया. बयान में कहा गया कि ईपीएफओ से बाहर निकलने वाले सदस्यों की संख्या जुलाई 2021 से घट रही है. आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक नामांकन 22-25 वर्ष के आयु वर्ग में हुआ.