छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में गर्मी शुरू होने के साथ ही जल संकट गहरा गया है. सूबे के बलरामपुर (BalramPur) जिले के एक गांव में पानी की कमी खतरनाक स्तर पर है. गांव की स्थिति अत्यंत भयावह है. इलाके में नदियों और तालाबों से पानी सूख गया है. आलम यह है कि पानी की कमी के चलते यहां जानवर और इंसान एक ही तालाब का पानी पीने को मजबूर हैं. ये पानी बेहद दूषित है. चरचरी (CharChari) गांव राप्ती नदी के किनारे स्थित हैं. इस गांव में कुल 150 लोग हैं जो मजदूरी और दिहाड़ी कर अपनी आजीविका चलाते हैं. यहां पानी की कमी से महिलाओं और बच्चों को कई मीलों धूप में चलकर पानी लाना पड़ता है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में यहां कि एक महिला ने कहा "बीते चार महीनों से हम गंदा पानी पी रहे हैं. कोई नेता या मंत्री हमारी परेशानी देखने या उसका निवारण करने नहीं आ रहा. वे केवल चुनाव के समय हमारे आस पास भी आते हैं. हर कोई एक ही तालाब से पानी पीता है. हमारे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं.
In a village in Chhattisgarh, locals and animals are forced to use common source of water
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— ANI Digital (@ani_digital) April 13, 2019
एक अन्य स्थानीय निवासी ने बताया कि गांव के एक सरपंच ने कहा है कि पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट को मौखिक रूप से इसकी जानकारी दी गई है. प्रशासन ने इस पर अभी तक कोई जांच आदेश नहीं दिए है. सरपंच जैसे जवाब दे रहे हैं उससे साफ है कि वे अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं कर रहे.
देश में चुनावी माहौल होने के बावजूद यह गांव की इस तरह की दुर्दशा से गुजर रहा है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में लोकसभा की कुल 11 सीटें हैं. ग्यारह में से एक सीट बस्तर में मतदान पहले चरण में संपन्न हो चुके हैं. बाकी बची 10 सीटों में दूसरे और तीसरे चरण में मतदान होना है.