हैदराबाद: UIDAI ने 127 लोगों को जारी किया नोटिस, कहा- इसका नागरिकता से कोई संबंध नहीं
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit- PTI)

नागरिकता संशोधन कानून (CAA)  एनआरसी (NRC) और एनपीआर (NPR) को लेकर देशभर में जारी बहस के बीच भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के हैदराबाद ऑफिस ने कथित तौर पर गलत तरीका अपनाकर आधार नंबर प्राप्त करने वाले 127 लोगों को नोटिस भेजा है. इससे पहले खबर आई थी कि UIDAI ने मुस्लिम समुदाय के तीन लोगों को नोटिस जारी किया है, हालांकि अब UIDAI ने साफ किया कि कुल 127 लोगों को नोटिस जारी किया गया है. शुरुआत में यह भी बताया गया था UIDAI ने इन लोगों को वास्तविक दस्तावेज दिखाकर नागरिकता साबित करने को कहा है. लेकिन अब UIDAI ने साफ किया कि इसका नागरिकता से कोई संबंध नहीं है.

UIDAI के द्वारा जारी किए गए इस नोटिस पर खूब विवाद हुआ. सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा शुरू हुई, इसके बाद हैदराबाद से सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार पर निशाना साधा. इस बीच UIDAI ने पूरे विवाद पर अपनी सफाई दी. UIDAI ने अपने जवाब में कहा है, 'रीजनल ऑफिसर हैदराबाद को ऐसे 127 लोगों के बारे में जानकारी मिली थी, जिनके पास फर्जी आधार कार्ड होने की संभावना है.

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यहां देखें UIDAI का ट्वीट- 

UIDAI ने कहा, ये लोग घुसपैठिए हो सकते हैं, जिनके पास ऐसे आधार कार्ड हैं जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं है. इसलिए स्थानीय अधिकारी ने कुछ लोगों को नोटिस भेजा है. जो जवाब आएगा उसे जांचा जाएगा, अगर किसी का आधार नंबर मैच नहीं करता है तो उसे रद्द किया जाएगा. इसका किसी की नागरिकता से कोई संबंध नहीं है.

UIDAI ने पुलिस से रिपोर्ट मिलने के बाद नोटिस जारी किए. बयान में कहा गया कि आधार नागरिकता का दस्तावेज नहीं है और आधार एक्ट 2016 के तहत यूआईडीएआई को यह सुनिश्चित करना होता है कि आधार के लिए आवेदन करने से पहले कोई व्यक्ति भारत में कम से कम 182 दिनों से रह रहा हो.

नोटिस में यह दावा किया गया है कि हैदराबाद रिजनल ऑफिस काफी पहले से इस मामले की जांच कर रही है. इस संबंध में सभी 127 लोगों को सभी ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स दिखाने को कहा गया है. अगर वो अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए, तो ऐसी स्थिति में उनका आधार नंबर डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा.