Aadhaar और पैन कार्ड नहीं बल्कि वोटर आईडी और पासपोर्ट नागरिकता का सबूत: कोर्ट
आधार कार्ड और पैन कार्ड (File Photo)

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) की एक कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. मजिस्ट्रेट कोर्ट ने एक मामलें की सुनवाई के दौरान कहा कि किसी भी व्यक्ति का निर्वाचन कार्ड (Election Card) यानि की वोटर आईडी कार्ड (Voter ID Card) नागरिकता (Citizenship) का प्रमाण होता है. दरअसल पुलिस ने साल 2017 में मानखुर्द (Mankhurd) इलाके से बांग्लादेशी नागरिक होने के शक में एक दंपति को गिरफ्तार किया था.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को शक था कि दंपत्ति भारत में अवैध रूप से रह रहा है. हालांकि कोर्ट ने उन्हें भारतीय नागरिक मानते हुए रिहा कर दिया है. कोर्ट ने सबूत के तौर पर मूल निर्वाचन कार्ड को नागरिकता का प्रमाण माना हैं. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि जन्म प्रमाणपत्र (Birth Certificate), डोमिसाइल सर्टिफिकेट (Domicile Certificate), बोनाफाईड सर्टिफिकेट (Bona Fide Certificate) और पासपोर्ट (Passport) भी व्यक्ति की राष्ट्रीयता साबित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. CAA Protest: अमित शाह से मिलने को तैयार शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी, कहा- बातचीत के लिये बुलाना सरकार का दायित्व

रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि निर्वाचन कार्ड को नागरिकता का पर्याप्त प्रमाण कहा जा सकता है, क्योंकि इसके लिए आवेदन करते समय व्यक्ति फॉर्म-6 के मद्देनजर घोषणापत्र दाखिल करता है. हालांकि कोर्ट ने आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या राशन कार्ड को नागरिकता साबित करने वाला दस्तावेज नहीं माना है.

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले ही नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पारित किया है. जो अब देशभर में लागू हो चुका है. यह नया कानून उन छह गैर-मुस्लिम समुदायों हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई प्रवासियों पर लागू होगा, जो 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए हैं. मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, प्रवासियों को भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकरण सहित अन्य सभी शर्तों को पूरा करना होगा.