नई दिल्ली: उत्तर भारत में भीषण गर्मी और लू का प्रकोप जारी है. गर्मी का सितम इतना बढ़ गया कि कई इलाकों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है. झुलसाती गर्मी के बीच मौसम विभाग का कहना है कि पूरे उत्तर बेल्ट में फिलहाल हीटवेव की स्थिति बनी रहेगी. दिल्ली से लेकर यूपी-बिहार और हिमाचल, उत्तराखंड में भी भीषण गर्मी से लोग परेशान हैं और 45 से 47 डिग्री तक के तापमान पर आग की बरसात को झेल रहे हैं. मैदानों के साथ-साथ पहाड़ों में भी बढ़ते पारे से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
मौसम विभाग (IMD) की ताज़ा जानकारी के मुताबिक, मानसून की सुस्त चाल के कारण देश के उत्तर-पश्चिम और पूर्वी हिस्सों में अगले कुछ दिन तक भीषण गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. मौसम विज्ञानियों ने कहा कि अगले सप्ताह मानसून की प्रगति कमजोर पड़ने की संभावना है, जिसके परिणामस्वरूप उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में गर्मी की स्थिति तेज हो जाएगी.
मौसम विज्ञानी और केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एम राजीवन ने कहा, "मॉडल अगले छह या आठ दिनों में, खासकर उत्तर भारत में, बहुत ज़्यादा बारिश होने का संकेत नहीं दे रहे हैं. हम अभी उत्तर-पश्चिमी भारत में ज़्यादा बारिश की उम्मीद नहीं कर सकते. ऐसा कई बार होता है और मानसून जून के अंत तक ही जोर पकड़ सकता है."
मानसून की धीमी चाल
केरल में समय पर पहुंचने के बावजूद, मानसून की चाल महाराष्ट्र और गुजरात पहुंचने के बाद धीमी हो गई है. अगर अगले 48 घंटों में मानसून आगे नहीं बढ़ता है, तो उत्तर भारत में इसके आगमन में एक सप्ताह तक की देरी हो सकती है. स्काईमेट वेदर के जलवायु एवं मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, "कम से कम अगले तीन या चार दिनों तक मानसून में सुस्ती रहेगी. तेलंगाना, रायलसीमा और शेष प्रायद्वीपीय भारत में बारिश कम हो जाएगी."
कब मिलेगी राहत?
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 17 जून से उत्तर भारत के राज्यों में कुछ राहत मिलने की संभावना है. 17 जून से पहले राहत की कोई उम्मीद नहीं है. इसके बाद तापमान में गिरावट और मानसून की सक्रियता देखी जा सकेगी.