Economic Growth Of India: भारत अपनी समावेशी नीतियों के कारण दुनियाभर में अलग पहचान बना रहा है. दुनिया में आई तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारत ने आर्थिक विकास को निरंतर आगे की ओर ले जाने में काफी सफलता प्राप्त की है. इसका प्रमाण अब वैश्विक स्तर पर आर्थिक गणना करने वाले एजेंसी भी दे रहे हैं. दरअसल, अर्थव्यवस्था के र्मोचे पर भारत के लिए अच्छी खबर आई है. रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने वर्ष 2023 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 4.8 फीसदी से बढ़ाकर 5.5 फीसदी कर दिया है. मूडीज ने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ के अनुमान में यह बढ़ोतरी केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय में तेज वृद्धि और बेहतर आर्थिक हालात के मद्देनजर की है.
वर्ष 2024 में 6.5 फीसदी GDP ग्रोथ
मूडीज ने बुधवार को जारी वैश्विक परिदृश्य 2023-24 में वर्ष 2023 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ 5.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. इससे पहले यह अनुमान 4.8 फीसदी रहने का था. वहीं, एजेंसी ने वर्ष 2024 में 6.5 फीसदी GDP ग्रोथ का अनुमान लगाया है. हालांकि, मूडीज ने वर्ष 2022 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है.
आर्थिक मोर्चे पर आएगी मजबूती
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने वैश्विक व्यापक परिदृश्य 2023-24 के ताजा अपडेट में अमेरिका, कनाडा, यूरोप, भारत, रूस, मैक्सिको और तुर्किये सहित कई G20 अर्थव्यवस्थाओं के लिए आर्थिक वृद्धि अनुमान को बढ़ाया है. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने वर्ष 2022 के मजबूत अंत के चलते GDP ग्रोथ में यह बढ़ोतरी की है.
पूंजीगत व्यय के लिए आवंटन में आई तेजी
मूडीज ने कहा है कि भारत के मामले में वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय के लिए आवंटन में (जीडीपी का 3.3 फीसदी) की तेज बढ़ोतरी की गई है. यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2022-23 के 7,500 अरब रुपए से बढ़कर 10,000 अरब रुपए हो गया है. ऐसे में वर्ष 2023 में वास्तविक GDP में वृद्धि की दर 0.70 फीसदी अधिक यानी 5.5 फीसदी हो सकती है, जबकि वर्ष 2024 में इसके 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है.
2023 में मजबूत रहेगा प्रदर्शन
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत सहित कई बड़े उभरते बाजार वाले देशों में आर्थिक गति पिछले साल के अनुमान से अधिक मजबूत रही है. मूडीज ने कहा कि 2022 की दूसरी छमाही में मजबूत आंकड़े इस बात की उम्मीद जताते हैं कि 2023 में प्रदर्शन मजबूत रहेगा. गौरतलब है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने एक दिन पहले जारी अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
IMF ने भी की थी तरफदारी
वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने काफी जीवंतता दिखाई है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी उम्मीद की नई किरण जगी है. यहां तक कि IMF ने भी अभी-अभी कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में 15% का योगदान देगी. इसके लिए भारत द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयास कारगर साबित हो रहे हैं. इसके साथ ही भारत भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सतत विकास लक्ष्यों प्रगति पर भी निरंतर ध्यान केंद्रित कर रहा है.