नई दिल्ली: गंगा दशहरा के पर्व सुबह से ही श्रद्धालुओं गंगा घाटों पर पहुंचने लगे हैं. इसी के साथ लोग ने गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाई है. भारत के जिस जिले से होकर नहीं गुजरती है वे भी लंबी दुरी तय कर आस्था के इस पर्व में डुबकी लगाने आते हैं. गंगा दशहरा पर्व की मान्यता बहुत बड़े पैमाने पर है. गंगा दहशरा के मौके पर इलाहाबाद के त्रिवेणी संगम में बड़ी संख्या में भक्तों ने पवित्र डुबकी लगाई. उधर, हरिद्वार में हरी की पैड़ी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भी मां गंगा की पूजा कर डुबकी लगा रहे हैं. यदि जो गंगा नदी तक नहीं पहुंच सकते हैं वे नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.
बता दें कि ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार, करीब 75 साल बाद इस बार गंगा दशहरा पर दोपहर एक बजे तक सर्वार्थसिद्धि योग होने के कारण अद्भुत संयोग बन रहा है जो महाफलदायक है. इस बार गंगा दशहरा पर दस शुभ योग एक साथ बन रहे हैं. ज्येष्ठ योग, दशमी तिथि, बुधवार, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण योग, आनंद योग, कन्या राशि का चंद्रमा, शुक्ल पक्ष योग और वृष राशि का सूर्य होने के कारण इसे अद्भुत संयोग माना जा रहा है.
Varanasi: Devotees take holy dip in river Ganga on Ganga Dussehra today. pic.twitter.com/FFaXKFk24V
— ANI UP (@ANINewsUP) June 12, 2019
क्या है महत्व
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को हस्त नक्षत्र में मोक्षदायिनी गंगा (Maa Ganga) का आगमन स्वर्ग से धरती पर हुआ था. इस तिथि को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है. इस बार गंगा दशहरा का पर्व बेहद खास होने वाला है, क्योंकि कुल 10 शुभ संयोगों के बीच यह पर्व मनाया जाएगा. इस दिन गंगा नदी में स्नान, जप, तप, व्रत और दान का विशेष महत्व बताया जाता है.