Pahalgam Terrorist Attack: शुक्रवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान पर्यटकों की जान बचाते हुए शहीद हुए सैयद आदिल हुसैन शाह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. एकनाथ शिंदे ने शाह की वीरता को सलाम करते हुए कहा, "यह मुद्दा किसी धर्म या जाति का नहीं है. जो पर्यटक वहां मौजूद थे, उन पर अंधाधुंध गोलियां चलाई जा रही थीं. इस युवक ने उन्हें बचाने की कोशिश की. उसने आतंकियों की बंदूक छीनने की भी कोशिश की ताकि पर्यटकों को गोली न लगे, लेकिन तभी दूसरा आतंकी आया और उसे गोली मार दी." यह भी पढ़ें: 'आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता', तान्या मित्तल के वीडियो पर बवाल! UP-MP पर्यटन विभाग कहा- वो हमारी ब्रांड एंबेसडर नहीं
शिंदे ने बताया कि उन्होंने आदिल शाह के परिवार से मुलाकात की और उनकी आर्थिक स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने कहा, "आदिल अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था. बहुत ही साधारण परिवार से था. मैंने उसके पिता और भाई से बात की. हमारी पार्टी शिवसेना की तरफ से 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है. यह हमारी एक छोटी सी जिम्मेदारी है, लेकिन उसे निभाना हमारा फर्ज है."
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने सैयद शाह को दी श्रद्धांजलि
#WATCH | Mumbai | On Syed Adil Hussain Shah, who was killed in #PahalgamTerroristAttack, Maharashtra's Deputy Chief Minister Eknath Shinde says, "This is not a matter of caste or religion. Our tourists who had gone there were shot at. He saved them. He tried to snatch the… pic.twitter.com/TfyChd7PEe
— ANI (@ANI) April 25, 2025
परिवार की दयनीय हालत को देखते हुए एकनाथ शिंदे ने यह भी घोषणा की कि शिवसेना उनके लिए एक नया घर बनाएगी. उन्होंने कहा, "उनका घर बहुत खराब स्थिति में था. इसलिए हमने निर्णय लिया है कि शिवसेना उनके लिए एक नया घर बनाएगी। यह हमारी जिम्मेदारी है."
वहीं, आदिल शाह के पिता हैदर शाह ने ANI से बात करते हुए कहा, "मुझे अपने बेटे पर और उसकी शहादत पर गर्व है। वह बहुत बहादुर था. मैं सिर्फ इस गर्व की वजह से ज़िंदा हूं. अगर यह गर्व न होता तो शायद मैं उसी वक्त मर जाता जब मैंने उसके शव को देखा."
हैदर शाह ने बताया कि उन्हें शाम करीब 6 बजे खबर मिली कि उनका बेटा और उसका चचेरा भाई अस्पताल में हैं. "लोग जब उसे ढूंढने गए तो हमें घटना की जानकारी मिली," उन्होंने बताया.
उन्होंने बताया कि आदिल का फोन हमले के बाद घंटों बंद था। दोपहर करीब 4 बजे फोन में थोड़ी हलचल हुई तो उम्मीद जगी कि शायद वह पहाड़ से लौट रहा है, लेकिन कुछ ही देर में बुरी खबर सामने आ गई.
सैयद आदिल हुसैन शाह की मां ने भी ANI से बात की और बेटे की मौत पर गहरे दुख के साथ न्याय की मांग की. उन्होंने कहा, "हमारा खाना-पीना सब उसी के कमाई से चलता था. वह रोज़ 300 रुपये कमाता था, शाम को चावल लाता था और हम साथ मिलकर खाते थे. अब कौन लाएगा खाना? कौन लाएगा दवा? वह मेरा सबसे बड़ा बेटा था. अब हमारा सहारा चला गया."
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमला, अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद हुए सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक माना जा रहा है. इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है ताकि आतंकियों को पकड़ा जा सके.













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