Pahalgam Terror Attack: भारत और पाकिस्तान के बीच सुलह के लिए ईरान ने बढ़ाया हाथ, दिया मध्यस्थता का प्रस्ताव
India Pakistan | PTI

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई, इसके बाद बाद भारत-पाकिस्तान के संबंधों में भारी तनाव आ गया है. इस बीच, ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने कहा कि तेहरान दोनों देशों के बीच बेहतर समझ बनाने को तैयार है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "भारत और पाकिस्तान, ईरान के भाईचारे वाले पड़ोसी हैं, जिनके साथ हमारे सदियों पुराने सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध हैं. इस कठिन समय में हम दोनों के बीच बेहतर समझ को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं."

अराघची ने तेहरान की इस पहल को मानवता और एकता की भावना से जोड़ा. उन्होंने 13वीं सदी के प्रसिद्ध फारसी कवि सादी शिराजी की पंक्तियों का ज़िक्र करते हुए लिखा, "मानव एक ही शरीर के अंग समान हैं, यदि एक अंग को पीड़ा हो तो बाकी भी बेचैन हो जाते हैं." यह संदेश इस बात का प्रतीक है कि ईरान केवल राजनयिक स्तर पर नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से भी भारत और पाकिस्तान के बीच भाईचारे को महत्वपूर्ण मानता है.

पहलगाम हमला: भारत-पाक संबंधों में फिर तनाव

बीते मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के संगठन "द रेजिस्टेंस फ्रंट" ने 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी, के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं.

पहले भी कर चुका है ईरान मध्यस्थता की पेशकश

ईरान की यह पहल नई नहीं है. इससे पहले 2019 में पुलवामा हमले के बाद और भारत के बालाकोट एयरस्ट्राइक के समय भी ईरान के विदेश मंत्री ने मध्यस्थता की पेशकश की थी. 2016 में भी कश्मीर मुद्दे पर, ईरान ने कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान चाहें तो वे मदद करने को तैयार हैं.

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