Ganga Dussehra 2019: ज्येष्ठ मास (Jyestha Month) के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का पर्व मनाया जाता है. इस बार यह तिथि 12 जून को पड़ रही है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को हस्त नक्षत्र में मोक्षदायिनी गंगा (Maa Ganga) का आगमन स्वर्ग से धरती पर हुआ था. इस तिथि को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है. इस बार गंगा दशहरा का पर्व बेहद खास होने वाला है, क्योंकि कुल 10 शुभ संयोगों के बीच यह पर्व मनाया जाएगा. इस दिन गंगा नदी में स्नान, जप, तप, व्रत और दान का विशेष महत्व बताया जाता है.
कहा जाता है कि इस पावन दिन गंगा में आस्था की डुबकी लगाने से व्यक्ति के सारे पाप मिट जाते हैं. इसके अलावा दशहरा के दिन गंगा में स्नान (Ganga Snan) करने से रोगी भी स्वस्थ हो जाता है. यह भी पढ़ें: Ganga Dashehra 2019: गंगा दशहरा के पावन अवसर पर ऐसे कैसे करें पूजा-अर्चना, जानिए इसका महत्त्व
गंगा दशहरा पर बन रहे हैं 10 शुभ संयोग
ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार, करीब 75 साल बाद इस बार गंगा दशहरा पर दोपहर एक बजे तक सर्वार्थसिद्धि योग होने के कारण अद्भुत संयोग बन रहा है जो महाफलदायक है. इस बार गंगा दशहरा पर दस शुभ योग एक साथ बन रहे हैं. ज्येष्ठ योग, दशमी तिथि, बुधवार, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण योग, आनंद योग, कन्या राशि का चंद्रमा, शुक्ल पक्ष योग और वृष राशि का सूर्य होने के कारण इसे अद्भुत संयोग माना जा रहा है.
गंगा स्नान से मिलती है 10 पापों से मुक्ति
हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार, गंगा जी के अवतरण के इस पावन दिन पर गंगा में स्नान और गंगा पूजन करने से 10 प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है. इनमें तीन प्रकार के दैहिक पाप, चार प्रकार के वाणी द्वारा किए हुए पाप और तीन प्रकार के मानसिक पाप दूर होते हैं. ये 10 प्रकार के पाप गंगा दशहरा के दिन आस्था की डुबकी लगाने से धुल जाते हैं.
इस मंत्र का करना चाहिए जाप
गंगा स्नान करते समय मां गंगा की कृपा प्राप्त करने के लिए स्वयं श्री नारायण द्वारा बताए गए विशेष मंत्र का जप करना चाहिए. कहा जाता है इससे व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और उसे परम पुण्य की प्राप्ति होती है.
मंत्र- ''ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः'' यह भी पढ़ें: Ganga Saptami 2019: गंगा सप्तमी के दिन भगवान शिव की जटा से धरती पर आई थीं मां गंगा, भागीरथ की तपस्या से हुई थीं प्रसन्न
10 की संख्या में करना चाहिए दान
इस बार गंगा दशहरा पर अद्भुत संयोग बन रहा है, इसलिए इस दिन स्नान, दान, जप, तप, व्रत आदि का बहुत महत्व बताया जाता है. गंगा दशहरा के दिन काशी के दशाश्वमेध घाट पर 10 प्रकार से स्नान करके, शिवलिंग का 10 की संख्या में गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य और फल इत्यादि से पूजन करना चाहिए.
इसके अलावा इस दिन दान देते समय इस बात का खास तौर पर ख्याल रखना चाहिए कि आप जो भी दान करें उसकी संख्या दस होनी चाहिए. इतना ही नहीं पूजन के दौरान उपयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं की संख्या भी दस होनी चाहिए. ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.