Nipah Virus: केरल ने जीती निपाह से जंग, सभी चार संक्रमित हुए ठीक; 16 सितंबर से नहीं आया नया केस
Representative Image | PTI

केरल में निपाह वायरस (Nipah Virus) के प्रकोप के बीच राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (Veena George) ने एक खुशखबरी दी है. उन्होंने बताया कि कोझिकोट में निपाह वायरस का इलाज करवाने वाले नौ साल का बच्चा समेत सभी चार लोग ठीक हो गए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने बयान में कहा कि सभी चार मरीजों के टेस्ट दो बार नेगेटिव आए हैं. जिले में कुल छह लोग इस वायरस से संक्रमित हुए और उनमें से दो की मौत हो गई. दो मौतों में से, 30 अगस्त को मरने वाला पहला व्यक्ति इंडेक्स केस था, जिससे अन्य लोगों को संक्रमण हुआ. Nipah Virus: कोरोना से कई गुना अधिक जानलेवा है निपाह वायरस, 70 फीसदी तक मृत्यु दर.

इससे पहले, केरल सरकार ने उत्तरी जिले में लगाए गए सभी क्षेत्रों और संबद्ध प्रतिबंधों को वापस ले लिया था, क्योंकि 16 सितंबर के बाद से यहां निपाह वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आया है. हालांकि, जिला अधिकारियों ने लोगों से वायरस के संक्रमण के खिलाफ अपनी सतर्कता जारी रखने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और मास्क और सैनिटाइज़र का उपयोग सुनिश्चित करने का आग्रह किया.

16 सितंबर से निपाह का कोई नया मामला नहीं आया है. राज्य में महामारी की घोषणा 12 सितंबर को की गई थी. जिला प्रशासन ने छात्रों को अपने संबंधित शिक्षण संस्थान जाने के दौरान मास्क पहनने और सैनेटाइजर साथ रखने की सलाह दी है.

कितना खतरनाक है निपाह वायरस?

निपाह वायरस कम संक्रामक माना जाता है, लेकिन इसे अधिक घातक माना जाता है. यानी इसकी संक्रमण दर कम है लेकिन मृत्यु दर ज्यादा है. इसलिए इस वायरस के प्रति अधिक सजग होने की जरूरत है. रिपोर्ट्स के अनुसार इसकी मृत्यु दर 45 से 70 फीसदी तक हो सकती है.

निपाह वायरस के लक्षण

निपाह वायरस से संक्रमित शख्स में तेज बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ,गले में खराश, एटिपिकल निमोनिया जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. गंभीर स्थिति में संक्रमित व्यक्ति इन्सेफेलाइटिस का भी शिकार हो सकता है और 24 से 48 घंटे में कोमा में जा सकता है.

अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि वायरस के संपर्क में आने के 14 दिनों के भीतर इसके लक्षण दिखने लग जाते हैं. शुरुआत के दिनों में बुखार और सिरदर्द के साथ फ्लू जैसे सामान्य लक्षण दिखते हैं. समय के साथ इसके गंभीर लक्षण दिखते लगते हैं. भ्रम और भटकाव जैसी समस्याओं के साथ दौरे पड़ने, बेहोशी और श्वसन संबंधी समस्या होने का भी खतरा हो सकता है.