भुवनेश्वर: ओडिशा में चक्रवात ‘तितली’ के कारण भारी बारिश से बाढ़ आने के कारण 60 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और प्रदेश सरकार ने तीन जिलों में बचाव और राहत अभियान को तेज करने के लिए एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ कर्मियों को तैनात किया है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दक्षिणी ओडिशा के तीन जिलों, गंजम, गजपति और रायगढ़ा में बाढ़ की स्थिति गंभीर हैं क्योंकि प्रमुख नदियों में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. चक्रवात के कारण इन जिलों में तीन दिनों में सबसे ज्यादा बारिश हुई.
विशेष राहत आयुक्त बी पी सेठी ने कहा कि बालासोर जिले के लोग भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और ओडिशा आपदा रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएएफ) को तैनात करने का निर्णय एक उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया जहां मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चक्रवात के बाद की स्थिति का जायजा लिया.
पटनायक ने नदी के टूटे तटबंधों की तुरंत मरम्मत पर जोर दिया और जिला कलक्टरों से राहत शिविरों में रह रहे लोगों को पका भोजन मुहैया कराने को कहा.
गहरे दबाव के कारण चक्रवात ‘तितली’ कमजोर पड़ा-
विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) बीपी सेठी ने बताया कि "गहरे दवाब के कारण चक्रवात कमजोर पड़ गया है" जिससे प्रदेश में लगातार बारिश हो रही है. उन्होंने बताया कि प्रमुख नदियां, विशेषकर दक्षिण उड़ीसा की एक नदी, बारिश के पानी से उफनाई है और निचले इलाकों में पानी भर गया है.
जबरदस्त बारिश और 150 किलोमीटर की गति से चलने वाली तेज चक्रवाती हवा के कारण गुरूवार को आंध्र प्रदेश में आठ लोगों की जबकि ओडिशा में एक व्यक्ति की मौत हो गयी है.