क्या आने वाली है कोरोना की नई लहर? एक सप्ताह में 50 हजार से ज्यादा केस- विशेषज्ञों ने दी यह जानकारी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (COVID-19) का चढ़ता ग्राफ फिर डरा रहा है. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 8 हजार से ज्यादा केस आए हैं. इसके अलावा 10 मरीजों की मौत भी हो गई है. पिछले 24 घंटों के दौरान 8,084 नए मामले सामने आए, लगातार तीसरे दिन यह आंकड़ा 8 हजार से ऊपर है. इसी के साथ कोविड के एक्टिव केस 50 हजार के करीब पहुंच गए हैं. फिलहाल भारत में सक्रिय मामले 47,995 हो गए हैं. वहीं संक्रमण दर 3.24 फीसदी है. महाराष्ट्र (Maharashtra), केरल (Kerala) और दिल्ली (Delhi) कोरोना से प्रभावित राज्यों में सबसे ऊपर हैं. COVID-19: कोरोना बढ़ते मामलों के बीच चंडीगढ़ में नई एडवाइजरी जारी.

विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि देश में कोविड -19 मामलों में हालिया उछाल न्यू नॉर्मल का हिस्सा है. देश में कोरोना के मामलों में आए इस उछाल को देखकर लग रहा है जैसे महामारी की चौथी लहर दस्तक दे चुकी है. विशेषज्ञों का मानना है कि देश में एक बार फिर कोविड केस बढ़ने के पीछे ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट्स BA.4 और BA.5 जिम्मेदार हैं.

देश में एक सप्ताह में 50,000 मामले दर्ज किए हैं, जो जनवरी की लहर के बाद सबसे अधिक केस हैं. हालांकि राहत की बात यह है कि मरीजों में गंभीर संक्रमण नहीं दिख रहा है. अधिकांश मामलों को संक्रमण कम गंभीर दिख रहा है और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी कम है.

विशेषज्ञों का कहना क्या है

सेंटर फॉर कम्युनिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हर्षल आर साल्वे ने कहा, "बढ़ते मामले शायद ओमिक्रॉन वेरिएंट के एक नए सबवेरिएंट के कारण हैं. इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह बहुत ही बेहद दुर्लभ मामलों ने गंभीर संक्रमण दिख रहा है.

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के लिए मास्क नहीं पहनने और कम बूस्टर खुराक लेने और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ जैसे कारक जिम्मेदार हैं. कई विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ोतरी ‘‘नयी लहर’’ का संकेत नहीं है.

आईसीएमआर के ‘सेंटर ऑफ एडवांस्ड रिसर्च इन वायरोलॉजी’ के पूर्व निदेशक और विषाणु विज्ञानी टी जैकब जॉन ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के मामले में हालिया बढ़ोतरी ‘‘नयी लहर’’ की सूचक नहीं है, बल्कि स्थानीय स्थर पर मामलों में उतार-चढ़ाव हो रहा है. टी जैकब जॉन ने कहा, वर्तमान वृद्धि सामाजिक मेलजोल और आर्थिक गतिविधियों के कारण हुई है, जिसके परिणामस्वरूप वायरस के प्रसार की अधिक संभावना है.