कोरोना वायरस: जेलों में भीड़ कम करने के लिए कैदी पैरोल पर होंगे रिहा, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिया अहम आदेश
तिहाड़ जेल (Photo Credit-PTI)

नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) तेजी से पांव पसार रहा है. सोमवार तक 23 राज्यों में 415 कोविड-19 (COVID-19) मामलों की पुष्टी हो चुकी है. जबकि सात लोगों की मौत इस जानलेवा वायरस से हो गई. इसके अलावा सैकड़ो संदिग्धों के परीक्षण के नतीजों का इंतजार किया जा रहा है. इस बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने देशभर की जेलों में सजा काट रहे कैदियों को लेकर अहम आदेश जारी किया.

जस्टिस बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए देशभर की जेलों में भीड़भाड़ को कम किया जाना आवश्यक है. कोर्ट ने इसके लिए सरकार को कैदियों की रिहाई पर विचार करने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कैदियों की पैरोल पर रिहाई के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के परामर्श से काम करने वाली एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का भी निर्देश दिया है. Coronavirus: पीएम मोदी ने की लॉकडाउन को गंभीरता से लेने की अपील; उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई का आदेश

देश की शीर्ष ने सुनवाई के दौरान कहा कि सात साल तक की जेल की सजा काट रहे कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जाना चाहिए. कोर्ट ने यह बात जेल में बंद दोषी ठहराए गए और आरोपित कैदियों के लिए कही है. इसके तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे कैदियों की श्रेणी निर्धारित करने के लिए उच्च-स्तरीय समितियों का गठन करें. जिसकी रिपोर्ट के आधार पर कैदियों को चार से छह सप्ताह के पैरोल पर रिहा किया जा सके.

इससे पहले कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा कि वह भी जेलों में कैदियों की संख्या को कम करे. गौरतलब है कि पूरे देश में इस समय लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और आइसोलेशन में रहने के लिए कहा जा रहा है. ऐसे में जेलों में बंद कैदियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया है.