नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों को पीएम मोदी (PM Modi) सोमवार को राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान आश्वासन देते हुए कहा कि एमएसपी खत्म नहीं होने वाली है और मंडिया पहले से कहीं ज्यादा आधुनिक बनेंगी. मैं सदन में इस बात का विश्वास दिलाता हूं कि एमएसपी थी, है और रहेगी. पीएम मोदी के इस वक्तव्य को लेकर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) से सवाल पूछा कि जब ऐसे है तो सरकार किसानों को लिखित में क्यों नहीं दे रही हैं.
खड़गे ने मीडिया के बातचीत में कहा, लोगों को अपेक्षा थी कि आज संसद भवन में प्रधानमंत्री कृषि कानूनों को लेकर देश में मचे हल्ले को लेकर तीनों कानूनों को वापस लेने की बात करेंगे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. खड़गे ने कहा, 'किसान चाहते हैं कि एमएसपी की गांरटी एक्ट में हो. लेकिन उन्हें नहीं दिया जा रहा है. मोदी खुद जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे और कमेटी के अध्यक्ष थे उस वक्त उन्होंने ही लिखित में कहा था कि किसानों को एमएसपी लिखित में मिलनी चाहिए. आज वे क्यों नहीं दे रहे हैं. यह भी पढ़े: Farmers Protest: किसानों ने MSP पर कानून बनाने की वकालत की, राकेश टिकैत ने कहा-पीएम मोदी को विधायकों और सांसदों से पेंशन छोड़ने की अपील करनी चाहिए
किसान चाहते हैं कि MSP की गांरटी एक्ट में हो। जब मोदी साहब गुजरात के मुख्यमंत्री थे और कमेटी के अध्यक्ष थे उस वक्त उन्होंने ही लिखित में कहा था कि किसानों को MSP लिखित में मिलनी चाहिए। आज वे क्यों नहीं दे रहे हैं: मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता pic.twitter.com/XXcpeHcjeG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 8, 2021
वहीं सदन में प्रधानमंत्री ने विपक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि मेहरबानी कर देश में भ्रम न फैलाएं. हमें तय करना होगा कि हम समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं कि समाधान का हिस्सा बनने चाहते हैं. समस्या का हिस्सा बनने पर राजनीति तो चल जाएगी, लेकिन समाधान का माध्यम बनते हैं तो राष्ट्रनीति को चार चांद लग जाता है. हम नीतियों को भी बदलेंगे और परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे.
प्रधानमंत्री अपने भाषण में कहा किसानों की आय बढ़ाने के दूसरे विकल्पों पर भी काम करना होगा. किसान के परिवार के लोगों की तकलीफों को दूर करने के लिए काम करना होगा. हम अगर अपने ही राजनीतिक समीकरणों में फंसे रहेंगे तो किसानों को अंधकार की तरफ धकेल देंगे. हालांकि पीएम मोदी के इस भाषण को कांग्रेस ने लफ़्फ़ाज़ी और जुमलेबाजी बताया है. (इनपुट एजेंसी के साथ)