बिहार के बाढ़ग्रस्त पूर्वी चंपारण जिले में एक महिला ने एनडीआरएफ की नाव पर एक बच्ची को जन्म दिया. मां और बच्ची दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं. पूर्वी चंपारण जिले के एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ में घिरे बंजरिया प्रखंड के गोबरी गांव की सबीना खातून (41) को शनिवार की देर शाम 'लेबर पेन' शुरू हुआ, जिसके बाद उसके परिवार वाले उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाने को तैयार हुए, मगर पानी से घिरे गांव से बाहर निकलने का कोई उपाय नहीं था. इसी बीच राहत और बचाव कार्य में जुटी एनडीआरएफ की टीम को सूचना दी गई. सहायक उपनिरीक्षक विजय झा के नेतृत्व में एनडीआरएफ की एक टीम किसी फरिश्ते के रूप में गोबरी गांव पहुंची और गर्भवती सबीना को रिश्तेदारों और आशा वर्करों की मदद से मोटरबोट से स्वस्थ्य केंद्र तक ले जाने की व्यवस्था की.
एनडीआरएफ की बोट पर नर्सिग असिस्टेंट राणा प्रताप यादव भी मौजूद थे. अस्पताल ले जाने के क्रम में बोट पर ही सबीना का दर्द काफी तेज हो गया और उनकी हालत भी बिगड़ने लगी. परिजनों की सहमति से एनडीआरएफ टीम ने बोट पर ही सबीना का प्रसव कराने का निर्णय लिया. एनडीआरफ के नर्सिग असिस्टेंट, आशा वर्कर और रिश्तेदारों की मदद से सबीना ने नाव में ही एक बच्ची को जन्म दिया. प्रसव के बाद सबीना और नवजात बच्ची को बंजरिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. यह भी पढ़ें- बिहार और असम में बाढ़ का कहर जारी: मरने वालों की संख्या बढ़कर 166 तक पहुंची, 1.11 करोड़ लोग प्रभावित
पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी रमण कुमर ने सोमवार को आईएएनएस को बताया कि महिला और नवजात शिशु दोनों स्वस्थ्य हैं। उनकी देखभाल की जा रही है. एनडीआरएफ की 9वीं वाहिनी के कमांडेंट विजय सिन्हा ने बताया कि वर्ष 2013 से बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के क्रम में एनडीआरएफ की नाव पर प्रसव का यह दसवां मामला है. उन्होंने बताया, "एनडीआरएफ के बचावकर्मी आपदा से बचाव की तकनीकों के साथ-साथ प्रथम चिकित्सा उपचारक के रूप में भी प्रशिक्षित होते हैं. उन्हें सुरक्षित प्रसव कराने के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे आपदा में जरूरतमंद की हर संभव मदद किया जा सके."
बिहार के पूर्वी चंपारण सहित 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 102 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 72 लाख लोग प्रभावित हैं.