Snake Fair in Bihar: बिहार (Bihar) के समस्तीपुर (Samastipur) जिले के विभूतिपुर प्रखंड के सिंघिया घाट पर हर साल एक अनोखे मेले का आयोजन किया जाता है, जिसे 'सांपों का मेला' (Snake Fair) कहा जाता है. दरअसल, हर साल नागपंचमी के अवसर पर सांपों का यह अनोखा और साहसिक मेला लगता है. इस परंपरा को सालों से स्थानीय लोग, विशेषकर ‘भगत’ (सांपमालक) निभाते आ रहे हैं. इस अनोखे मेले में सांपों के साथ धार्मिक आस्था और रोमांच का अद्भुत संगम देखने को मिलता है. हर साल नागपंचमी पर लगने वाले इस मेले में लोग जहरीले जिंदा सांपों को गले में डालकर और हाथों में पकड़कर करतब दिखाते हैं. इस मेले में मां भगवती की पूजा होती है और लोग सांपों को लेकर बूढ़ी गंडक नदी में उतरते हैं, जो मिथिला की पुरानी नाग परंपरा का हिस्सा है.
सालों पुरानी है यह परंपरा
यह मेला 100 वर्षों से भी अधिक समय से चल रहा है और यह सिंघिया क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है. मेले की शुरुआत मां भगवती मंदिर में पूजा से होती है, फिर भक्ति और निष्ठा के साथ भक्त सांपों को लेकर नदी की ओर बढ़ते हैं. इस मेले में भक्त विषैले सांपों को गर्दन या हाथ में लपेटते हैं और करतब करते हैं. यह भी पढ़ें: World Snake Day 2025: कब और क्यों मनाया जाता है विश्व सर्प दिवस? जानें विश्व के 10 सबसे जहरीले सांपों के बारे में!
जहरीले सांपों का अनोखा मेला
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सांपों का अनोखा मेलाः किसी के गले में, तो किसी के सिर पर नजर आए सांप
एक अनोखे और हैरान कर देने वाले मेले में सैकड़ों सांपों का जमावड़ा देखने को मिला, जहां लोग बिना किसी डर के उन्हें अपने गले, कंधे और सिर पर रखे नजर आए। यह मेला सांपों के प्रति… pic.twitter.com/y177MJZRDW
— NewsDotz (@NewsDotz) July 16, 2025
विष भी बन जाता है वरदान
यहां के लोगों का मानना है कि मां विषहरी और नागदेवता की कृपा से विष भी वरदान बन जाता है. इस दिन परिवार की तरक्की के लिए महिलाएं भी नागदेवता की पूजा करती हैं और जिनकी मन्नत पूरी होती है वे गहवर में प्रसाद चढ़ाती हैं. इस अवसर पर पूजा करने के लिए समस्तीपुर के अलावा कई और जिलों से भी श्रद्धालु आते हैं. धार्मिक अनुष्ठान के बाद सांपों को फिर से जंगल या सुरक्षित स्थानों पर छोड़ दिया जाता है.
दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
गौरतलब है कि हजारों की संख्या में स्थानीय और दूर-दूर से श्रद्धालु इस जीवंत मेले को देखने आते हैं. यह मेला दर्शन से बढ़कर एक लोक–संस्कृति और साहस–प्रदर्शन समारोह बन जाता है. नागपंचमी के दिन आयोजित होने वाले इस मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, इसलिए लोगों की सुरक्षा व कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की जाती है.













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