नई दिल्ली: देश की शीर्ष कोर्ट ने शनिवार को 134 वर्षीय पुराने अयोध्या भूमि विवाद (Ayodhya Land Dispute) पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास (Ram Janmabhoomi Nyas) को देने का फैसला सुनाया. साथ ही आदेश दिया कि मुस्लिमों को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में ही उचित जगह दी जाए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के भीतर मंदिर निर्माण की रुपरेखा के लिए ट्रस्ट बनाने का फैसला सुनाया. राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के अंत के बाद देश के तमाम दिग्गज नेताओं ने प्रतिक्रिया दी.
भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शनिवार को कहा कि इस बात के स्पष्ट सबूत हैं कि हिंदू मानते हैं कि भगवान राम विवादित स्थान पर पैदा हुए थे. इस मामलें का एकमत फैसला पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बाबरी मस्जिद का निर्माण खाली जमीन पर नहीं हुआ था. विवादित जमीन के नीचे एक ढांचा था और यह इस्लामिक ढांचा नहीं था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत देश के शीर्ष राजनीतिक नेताओं ने फैसले के बाद देशवासियों से शांति बनाएं रखने की अपील की. पक्ष विपक्ष सभी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला, विवादित स्थल पर बनेगा राम मंदिर, मुस्लिम पक्ष को अलग से जमीन
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- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा ‘इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है. देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें. उन्होंने आगे कहा यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा. हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है. भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है.'
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है:
यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है।
हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया।
न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2019
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- केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासक है. इस फैसले से सामाजिक ताना-बाना और मजबूत होगा. साथ ही उन्होंने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की.
- केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नितिन गडकरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सभी को स्वीकार करना चाहिए और शांति और सद्भाव बनाए रखना चाहिए.
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूँ कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें.
मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा।
— Amit Shah (@AmitShah) November 9, 2019
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- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सभी को स्वीकार करना चाहिए, इस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए. हम सभी से अपील करते हैं कि नकारात्मक माहौल न बनाएं, सौहार्द बनाए रखें.'
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनता से सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने की अपील की है. केजरीवाल ने ट्वीट किया, "सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की पीठ के पांचों जजों ने एकमत से आज अपना निर्णय दिया. हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. कई दशकों के विवाद पर आज कोर्ट ने निर्णय दिया. वर्षो पुराना विवाद आज खत्म हुआ. मेरी सभी लोगों से अपील है कि शांति एवं सौहार्द बनाए रखें."
- कोर्ट का फैसला आने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेशवासियों से फैसले का सम्मान और आदर करने की अपील की है. उन्होंने साथ ही अफवाह फैलाने वाले शरारती तत्वों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है.
आज आवश्यकता है अमन व मोहब्बत के पैग़ाम को सभी तक फैलाये , नफ़रत व वैमनस्य को परास्त करे।
4/4
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 9, 2019
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- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने फैसले के बाद कहा “अयोध्या मुद्दे पर भारत की सर्वोच्च अदालत ने फैसला दिया है. सभी पक्षों, समुदायों और नागरिकों को इस फ़ैसले का सम्मान करते हुए हमारी सदियों से चली आ रही मेलजोल की संस्कृति को बनाए रखना चाहिए. हम सबको एक होकर आपसी सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करना होगा.”
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि कोर्ट के फैसले को जीत हार की नजर से बिल्कुल नहीं देखा जाए. हम समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सभी के प्रयासों का स्वागत करते हैं.
Mohan Bhagwat,RSS Chief: We welcome this decision of Supreme Court. This case was going on for decades and it has reached the right conclusion. This should not be seen as a win or loss.We also welcome everyone's efforts to maintain peace and harmony in society. #Ayodhyajudgement pic.twitter.com/DtNnliaKEA
— ANI (@ANI) November 9, 2019
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने ट्वीट कर कहा, "संयम, शांति, सौहार्द, सांप्रदायिक-एकता एवं समन्वय ही धर्म का वास्तविक स्वरूप है. राम साक्षात धर्म विग्रह हैं. इसलिए हम परस्पर प्रीति एवं एकात्मता के दिव्य भाव में स्थिर रहें. माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय से अभिभूत हैं."
- विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पूर्व नेता प्रवीण तोगड़िया ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए विश्वास जताया कि सरकार अब अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण करेगी. उन्होंने सभी से आह्वान है कि शांति और सौहार्द बनाए रखें.
- मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने इस मामले में शीर्ष कोर्ट के दिए गए फैसले पर खुशी जाहिर की. उन्हें इस बात की सबसे ज्यादा खुशी है कि यह मसला सुलझ गया है. उन्होंने कहा कि वह अदालत के निर्णय को अपनी तरफ से कोई चुनौती नहीं देंगे.
नोट:- हमारी टीम लेटेस्टली मीडिया प्राइवेट लिमिटेड भी देश की जनता से अपील करती है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें, इसे अपनी निजी जीत या हार न समझे. इस देश की ताकत एकता में हैं और इसे बरकरार रखना हर भारतीय का कर्तव्य है.