Ayodhya Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला, विवादित स्थल पर बनेगा राम मंदिर, मुस्लिम पक्ष को अलग से जमीन
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला ( फोटो क्रेडिट- IANS )

Ayodhya Verdict: अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट (SC) के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Chief Justice of India Ranjan Gogoi) ने फैसला पढ़ना शुरू कर दिया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शिया वक्फ बोर्ड की विशेष याचिका को खारिज कर दिया. 1946 में फैजाबाद कोर्ट जिसे शिया वक्फ बोर्ड द्वारा ने चुनौती दी थी. CJI ने कहा, ASI ने अपनी रिपोर्ट में कहा के मुताबिक गुमबंद के निचे मंदिर थी. लेकिन मंदिर गिराकर मस्जिद बनाने का जिक्र नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आस्था से विश्वास मालिकाना हक नहीं. CJI ने कहा, ASI रिपोर्ट में कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की भी पुख्ता जानकारी नहीं है. CJI रंजन गोगोई ने कहा कि बाबरी मस्जिद को मीर बकी ने बनवाई. मस्जिद में सोमवार के दिन नमाज पढ़ी जाती थी. अहाते में मिले चबूतरों पर हिन्दुओं के अधिकार का सबूत है, जो 1855 से पहले हिन्दुओं के पास था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि मुस्लिम पक्ष जमीन पर दावा साबित करने में नाकाम रहा है.

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अयोध्या मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि अयोध्या में भगवान राम के जन्म के दावे का किसी ने विरोध नहीं किया. हिंदू मुख्य गुंबद को ही जन्म का सही स्थान मानते हैं और विवादित स्थल पर ही पूजा करते रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि 1856 से पहले अंदरूनी हिस्से में हिंदू भी पूजा करते थे और आपत्ति जताए जाने के बाद बाहर बने चबूतरे पर पूजा करने लगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंग्रेजों ने दोनों हिस्से अलग-अलग रखने के लिए रेलिंग बनाई थी. बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी. अदालत ने माना कि वहां पहले मंदिर था.

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट जस्टिस रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जगह दी जानी चाहिए. केंद्र सरकार को तीन महीने में ट्रस्ट बनाए. 5 एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन दी जाए. जस्टिस रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि विवादित जमीन केंद्र सरकार के रिसीवर के पास है. राम मंदिर बनाने के ट्रस्ट तीन बनेगा.