7th Pay Commission: उत्तर प्रदेश सरकार अपने अधिकांश कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक सैलरी दे रही हैं. दरअसल आज भी राज्य सरकार के ऐसे कई विभाग है, जहां 7वीं सीपीसी लागू नहीं किया गया है. इसी क्रम में यूपी की योगी कैबिनेट ने अहम फैसला लिया है. इसके तहत अब प्राविधिक शिक्षा विभाग के डिप्लोमा सेक्टर में आने वाली संस्थाओं में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के विनियम 2019 को लागू कर दिया गया है. जिससे इनमें कार्यरत लोगों की सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी होगी. यह वृद्धि स्वीकृत नियमों के अनुरूप है, जो 7वें केन्द्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं पर आधारित है.
मिली जानकारी के अनुसार इन संस्थाओं में काम कर रहे लोगों इसका फायदा तीन मई 2018 से मिलेेगा. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एआईसीटीई के रेगुलेशन 2019 को राजकीय एवं सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक संस्थाओं में शिक्षकों समेत दूसरे स्टाफ के लिए लागू किया गया है. इससे सरकारी खजाने पर करीब 23 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ने का अनुमान जताया गया है. यह भी पढ़े: 7th Pay Commission: सातवें वेतन आयोग के तहत अगले सप्ताह इन केंद्रीय कर्मचारियों को मिल सकता है बड़ा तोहफा, सैलरी में होगा बंपर इजाफा
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी राहत देते हुये उनका महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत बढ़ा दिया. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 जनवरी, 2020 से बकाया महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का भुगतान करने के लिए एक अतिरिक्त किस्त को हरी झंडी दी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल कि बैठक में हुए इस फैसले से 48.34 लाख केंद्रीय कर्मचारियों तथा 65.26 लाख पेंशनभोगियों को सीधा फायदा पहुंचेगा. मूल्य वृद्धि की क्षतिपूर्ति के लिए मूल वेतन/पेंशन की वर्तमान दर 17 प्रतिशत में 4 प्रतिशत की वृद्धि होगी. जबकि सरकार पर प्रतिवर्ष 12,510.04 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा और वित्त वर्ष 2020-21 में कुल 14,595.04 करोड़ रुपये इस मद में खर्च होंगे.