कोलकाता,5 जनवरी: पश्चिम बंगाल में छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के समर्थकों द्वारा हमला किए जाने के बाद यहां का सियासी पारा चढ़ गया है. विपक्ष ने जहां एक ओर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. वहीं दूसरी ओर राज्यपाल सी.वी.आनंद बोस ने भी संकेत दिया है कि वह सभी संवैधानिक विकल्पों पर विचार करेंगे और मामले पर उचित कार्रवाई करेंगे.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली में हुई घटना को संघीय ढांचे पर सीधा हमला बताया है जबकि कांग्रेस ने राज्य में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. हालांकि, सत्तारूढ़ टीएमसी ने आरोपों को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को उकसाया. यह घटना तब हुई जब ईडी अधिकारियों ने तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के आवास पर छापेमारी की और उन्हें शाहजहां के समर्थकों के हमलों का सामना करना पड़ा. समर्थकों ने अधिकारियों और उनके वाहनों को नुकसान पहुंचाया.
शाहजहां को राज्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी सहयोगी माना जाता है. ज्योतिप्रिय मल्लिक को करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. यह छापेमारी करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले में एजेंसी की चल रही जांच के लिए अहम मानी जा रही थी. एक अधिकारी ने बताया कि जब ईडी अधिकारी सुबह संदेशखली इलाके में शेख के आवास पर पहुंचे तो बड़ी संख्या में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने ईडी अधिकारियों और उनके साथ आए केंद्रीय बलों के जवानों को घेर लिया.
इसके बाद उन्होंने प्रदर्शन किया और फिर उन पर हमला कर दिया जिसके बाद अधिकारियों को ऑटो रिक्शा और दो पहिया वाहन पर सवार होकर वहां से जाने पर मजबूर होना पड़ा. उन्होंने बताया कि कम से कम दो अधिकारियों को गंभीर चोट लगी है और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा. ईडी के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-’ को बताया, ‘‘इस तरह का हमला अप्रत्याशित है. हमने शेख शाहजहां को लेकर दिल्ली कार्यालय में रिपोर्ट भेजेंगे.’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)