नयी दिल्ली, तीन फरवरी सरकार ने बजट में कृषि क्षेत्र और पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियां अपनाने पर प्राथमिकता दी है। उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने यह कहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पेश बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को 11 प्रतिशत बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की। इसमें पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर विशेष ध्यान दिया गया है. साथ ही हरित प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने को लेकर भी कदम उठाये गये हैं. यह भी पढ़ें: विपक्ष के बाद मोदी सरकार के बजट को लेकर मिडिल क्लास की जनता बोली, सिर्फ निजी टैक्स में राहत से महंगाई कम नहीं होगी
एंटनी वेस्ट मैनेजमेंट के प्रबंध निदेशक जोस जैकब ने कहा, “भारत नवंबर, 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है. भारत का मुख्य ध्यान हरित ऊर्जा अपनाने पर रहा. हमें खुशी है कि बजट में हमारे उद्योग, विशेषकर पुराने या प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को कबाड़ करने, कचरे को अलग-अलग करने और नगर निगम बांड बाजार से पूंजी जुटाने पर भी ध्यान दिया गया है.”
कपिला कृषि उद्योग के निदेशक सौरभ शिवहरे ने कहा कि आयकर में सात लाख रुपये तक की छूट से किसान परिवारों को ज्यादा फायदा होगा. किसानों को इस दूरगामी कदम वाले परिणाम से अच्छा फायदा मिलेगा. बजट में कृषि, दूध और मछली संबंधी उद्योगों को वरीयता देने के लिए अभियान शुरू किया गया है. यह स्वागत योग्य कदम है और किसान बिजली और आर्थिक स्तर पर ज्यादा ताकतवर हुए हैं.
श्याम मेटालिक्स के प्रबंध निदेशक बृजभूषण अग्रवाल ने कहा कि धातु उद्योग को सरकार के शहरी, परिवहन में निवेश और अवसंरचना विकास की योजना से लाभ मिलेगा. इसके साथ ही एमएसएमई क्षेत्र पर अतिरिक्त ध्यान दिया गया है, जिससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी.
एएमपी एनर्जी इंडिया में प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी पिनाकी भट्टाचार्य ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में सात प्राथमिकताओं में से एक 'हरित वृद्धि' को बढ़ावा देना है. यह आने वाले वर्षों में हरित ऊर्जा क्षेत्र पर निरंतर जोर देने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को बताता है.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)