वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को ईरान (Iran) के साथ युद्ध से रोकने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी नीत अमेरिका की प्रतिनिधिसभा में गुरुवार को मतदान कराया गया. अमेरिकी संसद के निचले सदन में एक प्रस्ताव पारित हुआ, जिसमें ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए ट्रंप के अधिकार सीमित करने की मांग की गई थी.
ट्रंप द्वारा ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी (Qasem Soleimani) को मार गिराने और तेहरान द्वारा किए गए जवाबी मिसाइल हमलों के बाद विनाशकारी युद्ध की आशंका के चलते डेमोक्रेट्स द्वारा प्रस्ताव पेश किया गया था. इस्लामी गणतंत्र के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने की क्षमता को सिमित करने संबधित प्रस्ताव के पक्ष में 194 वोट पड़े. यदि यह प्रस्ताव उच्च सदन में भी पारित हो जाता है तो डोनाल्ड ट्रंप ईरान के खिलाफ युद्ध संबंधी निर्णय लेने में पूरी तरह से सक्षम नहीं होंगे. ईरान ने अमेरिका पर किया पलटवार, अमेरिकी सेना के बेस पर दागी कई बैलिस्टिक मिसाइलें
US House passes resolution limiting Trump's power to carry out military action against Iran
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— ANI Digital (@ani_digital) January 9, 2020
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान के हमले में किसी भी अमेरिकी को नुकसान नहीं पहुंचा है. ट्रंप ने साथ ही ईरानी नेतृत्व को शांति की पेशकश की जिसे पश्चिम एशिया में तनाव कम करने के लिए अहम कदम माना जा रहा है. दरअसल ट्रंप का यह बयान ईरान द्वारा इराक में कम से कम उन दो सैन्य अड्डों पर एक दर्जन से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागने के कुछ घंटे बाद आया. इन सैन्य अड्डों पर अमेरिका और गठबंधन बलों के सैनिक तैनात थे. इस हमले को ईरान ने ‘‘अमेरिका के चेहरे पर तमाचा’’ बताया था.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का आदेश दिया था. उसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया. अमेरिका ने अपनी आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए शुक्रवार (तीन जनवरी) तड़के बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से रवाना हो रहे सुलेमानी के काफिले पर ड्रोन से हमला किया. अमेरिका द्वारा तीन जनवरी को किए गए ड्रोन हमले में सुलेमानी, उनके दामाद और इराक के पॉपुलर मोबिलाइजेशन फ्रंट (पीएमएफ) के द्वितीय कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस मारे गए थे. इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर हुए इस हमले में आठ अन्य लोगों की भी मौत हो गई थी.