बदहाली की मार से सूझते पाकिस्तान (Pakistan) के लिए एक अच्छी खबर आ रही है. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान द्वारा आतंकी समूहों पर कार्रवाई के लिए और उसके प्रयास पर संतोष जताया है. एफएटीएफ के रुख के इस रुख के बाद साफ जाहिर होने लगा है कि आने वाले महीने में पाकिस्तान को राहत देते हुए ग्रे लिस्ट (Grey list) से बाहर आ सकता है. बता दें कि सूत्रों के मुताबिक फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स पाकिस्तान को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग रोकने के लिए 27 बिंदुओं की एक कार्ययोजना दी थी. जिसके बाद 21 जनवरी से लेकर 23 तारीख के बीच में इन बिंदुओं को लेकर बीजिंग में बैठक हुई. इस बैठक में चीन, ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों ने पाकिस्तान पर कुछ भी नहीं कहा.
बता दें कि एफएटीएफ की औपचारिक बैठक पेरिस में 16 फरवरी को होनी है. इसके 39 सदस्यों में से अगर 12 ने पाकिस्तान का पक्ष लिया तो वह ग्रे लिस्ट से बाहर आ जाएगा. अगर उसे तीन वोट मिले तो वह काली सूची में जाने से बच जाएगा. लेकिन, संभावना यही जताई जा रही है कि पाकिस्तान को कुछ और समय दिया जाएगा और उस पर कड़ी निगाह रखने के लिए उसे ग्रे लिस्ट में बनाए रखा जाएगा.
एफएटीएफ के नियमों के अनुसार ग्रे और ब्लैक सूचियों के बीच एक अनिवार्य चरण है, जिसे डार्क ग्रे कहा जाता है. डार्क ग्रे का अर्थ है सख्त चेतावनी ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके. एफएटीएफ ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ‘ग्रे’ सूची में डाल दिया था. पाकिस्तान को अक्टूबर 2019 तक पूरी करने के लिए एक कार्ययोजना दी गई थी. गौरतलब हो कि FATF एक अंतरसरकारी एजेंसी है जिसको 1989 में बनाया गया था. इस वक्त तक उत्तर कोरिया और ईरान ब्लैक लिस्ट में शामिल हैं.