आतंकवाद के मुद्दे पर पहले से घिरे पाकिस्तान (Pakistan) की मुश्किलें और बढ़ती दिखाई दे रही हैं.फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को सख्ती दिखाते हुए कड़ी कार्रवाई की है. FATF ने इमरान खान (Imran Khan) सरकार को आतंकवाद के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में 150 प्रश्न भेजे हैं. FATF ने इमरान सरकार को 8 जनवरी तक इस संबंध में जवाब देने के लिए कहा है. पाकिस्तान द्वारा दी गई अनुपालन रिपोर्ट के जवाब में ये प्रश्न भेजे गए हैं. एफएटीएफ ने पाकिस्तान से मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए हाल में की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है. एफएटीएफ ने पाक को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि आतंकवादी संगठनों से जुड़े व्यक्तियों को दोषी ठहराया जाए और इस संबध में सरकार द्वारा किए गए कानूनी कार्यों का विवरण भी सौंपा जाए.
बता दें कि पाकिस्तान को पहले ही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स से सख्त चेतावनी मिली हुई है. एफएटीएफ ने पाकिस्तान से फरवरी 2020 तक अपनी सभी कार्य योजनाओं को तेजी से पूरा करने करने के लिए कहा है. ऐसा न होने पर पाक को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया जाएगा. एफएटीएफ की तरफ से ब्लैकलिस्ट में शामिल होने का मतलब होगा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और बदहाल हो जाएगी.
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'ग्रे लिस्ट' में पाकिस्तान
इससे पहले भारत में फ्रांस के राजदूत एमैन्युल लेनां ने 16 दिसंबर को कहा कि कोई भी यह नहीं कह सकता कि पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स पर अपने वादे को पूरा कर रहा है. इसलिए, उस पर दबाव बनाने की जरूरत है. पाकिस्तान को फिलहाल 'ग्रे लिस्ट' में रखा गया है.
आतंकवाद को बढ़वा देने के चलते पाकिस्तान FATF के निशाने पर है. इस साल FATF ने पाकिस्तान को टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को पूरी तरह से खत्म करने के लिए और ज्यादा सख्त कदम उठाने को कहा था. पाकिस्तान फएटीएफ की फिलहाल ग्रे लिस्ट में है लेकिन पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है. इस पर आखिरी फैसला फरवरी 2020 में लिया जाएगा.