भारत को आंख दिखाने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी खतरे में, बजट सत्र भी हुआ रद्द
नेपाल के PM केपी शर्मा ओली (Photo Credits: Twitter)

काठमांडू: चीन (China) से प्रेरित होकर भारत के खिलाफ फैसले लेने वाले नेपाल (Nepal) के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) की कुर्सी खतरे में नजर आ रही है. भारत के पड़ोसी देश में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से रुख मोड़ रहा है. राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी (Bidhya Devi Bhandari) ने संसदीय बजट सत्र को स्थगित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली आज देश को जनता को संबोधित कर सकते हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने शीतल भवन पहुंचकर राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मुलाकात की. इसके बाद ही आपात कैबिनेट बैठक में मौजूदा बजट सत्र को रद्द करने का फैसला लिया गया, जिस पर नेपाली राष्ट्रपति ने भी मुहर लगा दी है. India-Nepal Border Dispute: नेपाल की संसद ने तीन भारतीय इलाकों को शामिल करने के लिए नक्शा बदलने संबंधी विधेयक पारित किया

इस बीच, प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड से अकेले मिलने से इनकार करते हुए चार बड़े नेताओं- माधव नेपाल, झलनाथ खनाल और बामदेव गौतम को सामूहिक बातचीत के लिए बुलाया है. दरअसल ओली की भारत विरोधी टिप्पणी के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ समेत सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेताओं ने इस्तीफा मांगा है. शीर्ष नेताओं ने कहा है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी न तो राजनीतिक तौर पर ठीक थी न ही कूटनीतिक तौर पर यह उचित थी.

हालांकि, ओली का कहना है कि नेपाल के नए राजनीतिक नक्शे के प्रकाशन के बाद से उन्हें हटाने के प्रयास हो रहे हैं. उन्होंने कुछ दिन पहेल कहा था कि भारत उन्हें हटाने का षड्यंत्र रच रहा है. इसको लेकर कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर सत्तारूढ़ पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में प्रचंड समेत तमाम दिग्गज नेताओं ने ओली द्वारा की गई टिप्पणी की आलोचना की. प्रचंड के अलावा, वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल, झालानाथ खनल, उपाध्यक्ष बमदेव गौतम और प्रवक्ता नारायणकाजी श्रेष्ठ ने प्रधानमंत्री को अपने आरोपों को लेकर सबूत देने और इस्तीफा देने के लिए कहा है.

ओली ने बीते रविवार को कहा था, ‘‘अपनी जमीन पर दावा कर मैंने कोई भूल नहीं की. नेपाल के पास 146 साल तक इन इलाकों का अधिकार रहने के बाद पिछले 58 साल से इस जमीन को हमसे छीन लिया गया था.’’ उन्होंने कहा कि कहा कि उन्हें पद से हटाने के लिए दूतावासों और होटलों में प्लान बनाया जा रहा है. उनके खिलाफ कुछ नेपाल के नेता भी लगे है. Firing at India-Nepal Border: सीमा पर नेपाल पुलिस की और से फायरिंग, एक की मौत, दो अन्य घायल

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो 48 सदस्यीय स्थायी समिति और नौ सदस्यीय केंद्रीय सचिवालय, दोनों में प्रधानमंत्री ओली अल्पमत में हैं. ऐसे में उनकी सरकार का टिक पाना बहुत मुश्किल है.