सांस्कृतिक कलाकृतियों की पुनर्प्राप्ति को लेकर ब्रिटेन और ग्रीस के बीच विवाद अब भी जारी है। विश्व स्तर पर प्रसिद्ध संग्रहालय के रूप में, ब्रिटिश संग्रहालय हाल ही में एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आया, क्योंकि इसके अधिकांश संग्रह औपनिवेशिक विस्तार और युद्ध लूटपाट से प्राप्त हुए हैं. सीजीटीएन द्वारा हाल ही में किए गए एक वैश्विक ऑनलाइन सर्वेक्षण के अनुसार, 80.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि ब्रिटिश संग्रहालय में इन लूटी गई कलाकृतियों का संग्रह पूरी तरह से अनुचित है, जबकि 90.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि उपनिवेशवाद की निरंतरता से बचने के लिए औपनिवेशिक विस्तार और युद्ध के माध्यम से लूटी गई सांस्कृतिक कलाकृतियों को जल्द से जल्द इनके मूल देश में वापस कर दिया जाना चाहिए. यह भी पढ़ें:
वहीं, इस अगस्त में पता चला कि ब्रिटिश संग्रहालय के संग्रह के लगभग 2,000 टुकड़े खो गए थे और उनमें से कुछ को इंटरनेट पर बिक्री के लिए भी रखा गया था. इस बात के प्रति, 88 प्रतिशत वैश्विक उत्तरदाता सांस्कृतिक कलाकृतियों को संरक्षित करने के लिये ब्रिटिश संग्रहालय की क्षमता के बारे में गहराई से चिंतित हैं.
उनका मानना है कि ब्रिटेन का "सांस्कृतिक कलाकृतियों की सुरक्षा व संरक्षण" का दावा पाखंडी है. जैसा कि सीजीटीएन नेटिजन ने कहा, "कुछ यूरोपीय देश अन्य देशों से चुराई गई सांस्कृतिक कलाकृतियों के लिए 'सुरक्षित घर' हैं. ये यूरोपीय देश सांस्कृतिक कलाकृतियों की सुरक्षा व संरक्षण की आड़ में चोरी करते हैं."
साथ ही 91.1 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि ब्रिटिश संग्रहालय को इन चोरी हुई सांस्कृतिक कलाकृतियों के लिए मुआवजा और कानूनी जिम्मेदारी उठानी चाहिए.