इस बीच तालिबान के नेता नई सरकार के गठन के बारे में समूह के नेतृत्व से बात करने के लिए काबुल पहुंचे. बाइडन की अमेरिकी सैनिकों की पूरी तरह वापसी की 31 अगस्त की समय-सीमा नजदीक आती जा रही है और राष्ट्रपति ने शुक्रवार रात तक इसे बढ़ाने के बारे में कोई बात नहीं की. हवाई अड्डे के बाहर हो रही हिंसा और अफरा-तफरी के वीडियो सामने आने के बीच बाइडन की आलोचना हो रही है. तालिबान के बदले से खौफजदा अफगान लोग गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें यहां छोड़कर नहीं जाया जाए. बहरीन ने शनिवार को घोषणा की कि वह लोगों के बचाव के लिए विमानों को अपनी पारगमन सुविधाओं का इस्तेमाल करने की इजाजत देगा. इस विकल्प से दबाव थोड़ा कम हो सकता है क्योंकि शुक्रवार को कतर में एयर बेस पर जगह की कमी पड़ने लगी, इसी वजह से काबुल हवाईअड्डे पर उड़ानों को कई घंटों तक रोकना पड़ रहा है.
इस बीच संयुक्त अरब अमीरात ने शनिवार को कहा कि वह 5,000 अफगानों को अन्य देशों के लिए रवाना होने तक अपने यहां रूकने देगा. तालिबान के एक अधिकारी ने बताया कि तालिबान के नेता मुल्ला अब्दुल बरादर समूह के नेतृत्व से बातचीत के लिए काबुल पहुंच गए. बरादर की मौजूदगी इस मायने में महत्वपूर्ण है कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई जैसे अफगानिस्तान के पूर्व नेताओं से कई बार बात की है. राजधानी में कई वार्ता के बारे में जानकारी रखने वाले अफगान अधिकारियों ने बताया कि तालिबान ने कहा है कि वे सैनिकों की वापसी की 31 अगस्त की समयसीमा से पहले अपनी सरकार के बारे में कोई घोषणा नहीं करेंगे. पदच्युत सरकार में वरिष्ठ अधिकारी रहे अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि उन्होंने और करजई ने शनिवार को काबुल के लिए तालिबान के कार्यवाहक गर्वनर से मुलाकात की थी जिन्होंने ‘‘आश्वस्त किया कि वह शहर के लोगों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे.’’ यह भी पढ़ें : Madhya Pradesh: युवक ने ऑनलाइन मंगाई सल्फास की गोली खाकर दी जान, अमेजन को नोटिस भेजेगी पुलिस
एक रक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को कहा था कि 250 अमेरिकियों समेत करीब 5,700 लोगों को 16 सी-17 विमानों के जरिए काबुल से निकाला गया. अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि भी की कि अमेरिकी सेना के हेलीकॉप्टर 169 अमेरिकियों को निकालने के लिए काबुल से आगे भी गए. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अफगानिस्तान में कितने अमेरिकी नागरिक अभी हैं, लेकिन अनुमान है कि इनकी संख्या 15,000 तक हो सकती है. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि अभी तक 13 देश संकट में आए अफगान नागरिकों को कम से कम अस्थायी तौर पर अपने यहां रखने को तैयार हो गए हैं. अन्य 12 देश अमेरिकी तथा अन्य लोगों की निकासी की खातिर पारगमन सुविधा देने को राजी हैं.