Israel-Hamas War: ईरानी की राजधानी तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनीया की हत्या और बेरूत में इजरायली हमले में लेबनानी समूह हिजबुल्लाह के वरिष्ठ सैन्य कमांडर फुआद शुक्र की मौत के बाद इजरायल, ईरान और हिजबुल्लाह के बीच व्यापक संघर्ष की आशंका बढ़ गई है. दोनों समूहों को ईरान का समर्थन प्राप्त है. इस बीच मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव को कम करने के लिए अमेरिका ने मध्य पूर्व में अतिरिक्त सैन्य संसाधनों की तैनाती शुरू कर दी है. रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने रविवार को कहा कि अमेरिका मध्य पूर्व में तनाव कम करने के उद्देश्य से रक्षात्मक उपाय के रूप में अतिरिक्त सैन्य शक्ति तैनात कर रहा है.
इस क्षेत्र में अतिरिक्त युद्धपोत, लड़ाकू स्क्वाड्रन और क्रूजर भेज रहा है. यह तैनाती रणनीतिक रूप से ईरान से खतरों का मुकाबला करने के उद्देश्य से है. क्योंकि, ईरान ने खुले तौर पर जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है, न केवल इज़राइल के खिलाफ बल्कि संभावित रूप से अमेरिकी बलों के खिलाफ भी हमले की धमकी दी है.
बता दें, वर्तमान संघर्ष की शुरुआत के बाद से इस क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य बलों की संभवतः यह सबसे बड़ी तैनाती है. यूएस के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के रणनीतिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने कहा कि हमने हमास के सर्वोच्च नेता से हनीया की हत्या का बदला लेने के ईरान के इरादे के बारे में स्पष्ट रूप से सुना है. इसी के चलते व्हाइट हाइस द्वारा इन क्षेत्रों में अमेरिकी संसाधनों और कर्मियों के तैनाती का फैसला लिया गया है. दरअसल, इस बात की आशंका बढ़ रही है कि पिछले अक्टूबर में यहूदी राज्य पर हमलों के बाद गाजा में फिलिस्तीनी उग्रवादियों के खिलाफ इजरायल का युद्ध मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष में बदल सकता है. ईरान और हमास ने हनिया की हत्या के लिए इजरायल को दोषी ठहराया है और हिजबुल्लाह के साथ मिलकर बदला लेने की कसम खाई है. हालांकि, इजरायल ने इसकी न तो जिम्मेदारी ली है और न ही इससे इनकार किया है.