EU के नक्शेकदम पर चलते हुए भारत सरकार भी अब देश में बिकने वाले स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए एक मानक चार्जिंग पोर्ट USB Type-C लागू करने का सोच रही है. यह नया नियम जून 2025 से लागू होने की उम्मीद है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नियम के अंतर्गत देश में बिकने वाले लैपटॉप पर भी यही नियम लागू हो सकता है, लेकिन इसका अमल 2026 से शुरू होगा. इस नियम में फीचर फोन, ऑडियो उत्पाद और वेयरेबल्स शामिल नहीं हैं.
इस नए नियम के पीछे का कारण यह है कि अलग-अलग डिवाइस के लिए अलग-अलग चार्जर होने से ई-वेस्ट की मात्रा बढ़ती है. यह नया नियम ई-वेस्ट को कम करने और उपभोक्ताओं को अधिक सुविधा देने के लिए लाया जा रहा है.
फिलहाल, ज़्यादातर एंड्रॉइड स्मार्टफोन में USB Type-C कनेक्टर का इस्तेमाल होता है, लेकिन कुछ टैबलेट और एक्सेसरीज़ में अभी भी microUSB चार्जर का इस्तेमाल हो रहा है. Apple iPhones ने iPhone 15 सीरीज़ से Type-C चार्जर का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, और नए iPads में भी इसी चार्जर का इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन MacBook के कुछ मॉडल में अभी भी MagSafe चार्जिंग का इस्तेमाल हो रहा है, जबकि कुछ में Type-C पर शिफ्ट हो गया है.
Apple डिवाइस पर चार्जिंग पोर्ट में यह बदलाव ईयू के नियम के कारण हुआ है जो 2022 में लागू हुआ था. यूरोपीय संघ ने तब सभी स्मार्टफोन, टैबलेट, कैमरा, ऑडियो उत्पाद, हैंडहेल्ड कंसोल और स्पीकर के लिए USB Type-C को मानक चार्जिंग पोर्ट बनाने का नियम लागू किया था.
यह पहली बार नहीं है जब हम भारतीय सरकार द्वारा इस तरह के नियम पर विचार करने की बात सुन रहे हैं. नवंबर 2022 में NDTV की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि एक कार्य दल बनाया गया था जिसमें उद्योग संघों, शैक्षणिक संस्थानों, वाराणसी और केंद्र सरकार के मंत्रालयों के प्रतिनिधि और Samsung और Apple जैसे स्मार्टफोन ब्रांड शामिल थे, जो भारत में बिकने वाले डिवाइस पर चार्जिंग पोर्ट को मानकीकृत करने के लिए नियम लागू करने का विचार कर रहे थे.
पिछले साल, भारतीय सरकार Apple पर दबाव बना रही थी कि वह USB-C पोर्ट वाले पुराने iPhones को फिर से बाजार में लाए, लेकिन Apple ने तर्क दिया कि यह कदम उनके स्थानीय उत्पादन लक्ष्यों को बाधित कर सकता है. यह पहल भारत द्वारा यूरोपीय संघ के स्मार्टफोन पर यूनिवर्सल USB-C चार्जिंग पोर्ट के लिए नियम का विचार करने के अनुरूप थी.
फिलहाल, इस नए नियम के लागू होने की कोई ठोस समयसीमा नहीं है, लेकिन हम जो जानते हैं उस से यह स्पष्ट है कि यह नियम कम से कम स्मार्टफोन और टैबलेट पर अगले साल जून तक लागू हो जाएगा. भारत में बिकने वाले लैपटॉप पर भी यह नियम जल्द ही लागू हो सकता है, लेकिन यह 2026 से लागू होगा.